तुम्हारे बगैर जीना क्या
जीने को ख्बाव भी नहीं देख सकता
सासों के बिना मैं, कुछ पल जी सकता हंू
लेकिन तुम्हारे बिना नहीं।
तुम हां तुम, वो पहली लड़की हो
जिसें मैं जिन्दगी से बढ़कर
चाहने लगा हूं , मेरा आज
मेरा कल, मेरे दिन, मेरे पल
सिर्फ तुम्हारे दम से है
मेरी पूजा में, मेरी दुआओं में
मेरी खामोिशयों में, मेरी सदाओं में
सिर्फ तुम हो, सिर्फ तुम
तारे टूट जायेंगे, चान्द बुझ जायेगा
वक्त यही ठहर जायेगा, लेकिन उम्मीद की
आख़री किरण तक मैं
तुम्हारा इन्तजार करूगां
हां इन्तजार करूगां।
No comments:
Post a Comment