मैंने देखी है मौत,
पाप और पंक की भी
मैं नहीं चाहता, कोई स्त्री
बिखर जाए टुकड़ों में
उसे फान्दना न पड़ें इतने कंटीले तार
और सिर्फ अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए
किसी और औरत को लांघना न पड़े
यह गहन अख्य
उसके पीछे न पड़ जाए, कोई अरना भैंसा
न निकलना पड़ें, उसे किसी
पुरूश की गुफा से लहुलुहान
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