कहीं इन नज़रों में
तुम्हारा अक्स न देख ले जमाना
इसलिए हमने लोगों से
नज़रें मिलना छोड़ दिया
दिल की धड़कन में छिपे हो तुम
ये जान न ले कोई
इसलिए हमने दिल है हमारे सीने में
यह बताना छोड़ दिया
तुम्हारी याद तन्हाई में रूलाती है हमें
यह कह न सके कोई
इसलिए आंसु बहाना छोड़ दिया
दर्द-दे-मोहोब्बत के सिवा कोई और
दर्द छू सके न हमें
इसलिए हमने उन जख्मों को
दिखाना छोड़ दिया
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