सरोकार की मीडिया

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Tuesday, April 13, 2010

दोस्ती करना इतना आशान


दोस्ती करना इतना आशान है जैसे माटी पर माटी से माटी लीखना,लेकीन प्यार नीभाना इतना मुस्कील है जैसे पानी पर पानी से पानी लीखना ................


लोग कहते है हमे आदत है मुस्कुराने की ..........लेकिन वो नहीं जानते यह अदा है गम छुपाने की ...........................

लोगो ने तो फूलो से मोहबत की काँटों को कीस ने याद कीया,हमने तो काँटों से मोहबत की क्योंकी फूलो ने हमको बर्बाद कीया ...........................

लोग कहते है हमे आदत है मुस्कुराने की ..........लेकिन वो नहीं जानते यह अदा है गम छुपाने की ...........................

हम न होते तो ग़जल कोन कहता,तुम्हारे खीले चहरे को कमल कोन कहता,यह तो करीश्मा है मोहबत का वर्ना पत्थर को ताजमहल कोन कहता .................

हर दीन के बाद रात आती है,हर मौत के बाद बहार आती है ,जींदगी चली जाती है दुल्हन बनकर,जब मौत लेकर बारात आती है .......................

साथी हो तो आंशु भी मुस्कान होते है,अगर न हो तो महल भी सम्शान होते है,साथी का ही तो खेल है सारा,वर्ना डोली और अर्थी सामान होते

गुलाब की खुशबू में कांटे पला करते है,चंदन की महक में साँप पला करते है,हर हँसी को ख़ुशी मत समझो,हर ख़ुशी में आंशु भी पला करते है ............

मेरी रात तेरे दीन से अछा होगा ,मेरा इकरार तेरे इनकार से अछा होगा,अगर यकीं न आये तो डोली से झाककर देखना मेरा जनाजा तेरी बारात से अछा होगा ,

कीसी की जीदगी में आती है बहार,तो कीसी को चमन तक नहीं मीलता,कीसी की कब्र में बनता है ताजमहल,तो कीसी को कफ़न तक नहीं मीलता.......................

ख्वाब देखे भी नहीं और टूट गए,वो हमसे मीले भी नहीं और रूठ गए,में जागती रही और दुनीया सोती रही,बस बारीश थी जो रात भर रोती रही ................

सुना है वो जाते हुए कहे गए की अब तो हम सीरफ तुम्हारे सपनो में आयेगे,कोई कह दे उनसे की वोह वादा तो करे हम जीदगी भर के लीये सो जायेगे ........

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