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Thursday, September 6, 2018

बारिश रोकने के लिए करवाएं...मेढ़क-मढ़की का तलाक


बारिश रोकने के लिए करवाएं...मेढ़क-मढ़की का तलाक

देश में कुछ माह पहले तक बारिश न होने से परेशान तथागत नेताओं द्वारा विधिवत तरीके से मेढ़क-मेढ़की की शादी करवाई थी, और तथाकथित अंधविश्‍वास में आस्‍था रखने वाले लोगों ने तरह-तर‍ह, से जगह-जगह पर पूजा-अर्चना की थी, ताकि भारत देश के लोगों से नाराज चले आ रहे इंद्र देव प्रसन्‍न हो जाए और वर्षा करा दे। तथागत नेताओं द्वारा करवाई गई मेढ़क-मेढ़की की शादी से इंद्र देव इतने प्रसन्‍न हो गए कि लगातार बारिश ही बारिश करवा रहे हैं। जिसका नजारा आप सभी देख ही रहे होगें कि देश में जगह-जगह पर बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। जिस कारण से सौंकड़ों लोग मर गए हैं और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। और लगातार हो रही बारिश की स्थिति से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी प्रसन्‍नता इतनी जल्‍दी खत्‍म होने वाली नहीं है। तो जिस किसी ने भी पूजा-अर्चना की हो और बारिश के लिए मेढ़क-मेढ़की का विवाह करवाया है उनसे मेरा और समस्‍त देशवाशियों का आग्रह है कि वह उन मेढ़क-मेढ़की की तलाश करके और उनको कृपया करके न्‍यायालय में ले जाकर उनका विधिसंवत तरीके से विवाह-विच्छेदन (तलाक) करवा दीजिए, नहीं तो पंचायत ही बिठाकर उनको अलग-अलग ही करवा दीजिए। जिससे प्रसन्‍न इंद्र देव थोड़ा सा नाराज होकर बारिश तो रोक देगें।  ऐसा कृपया जल्‍दी करें कहीं उन मेढ़क-मेढ़की के बच्‍चे-बुच्‍चे ने हो जाए, नहीं तो और आफत होगी।
वैसे तथाकथित अंधविश्‍वास में आस्‍था रखने वाले लोगों से मैं यह जानना चाहता हूं कि आप सब ने तरह-तरह के पाखंड (पूजाअर्चना) करके बारिश तो करवा दी परंतु इसे रोकने के लिए कौन-से देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है और किस की शादी या किस जीव का विवाह-विच्‍छेदन (तलाक) करवाया जाता तो कृपया करके उसको भी करवा दीजिए ताकि बारिश रूक जाए। कहीं ऐसा तो नहीं कि बारिश करवाने के लिए ही पूजा-अर्चना का पता हो इसे रूकवाने का कोई तरीका आपके पास ना हो।
क्‍योंकि जब मैं छोटा था तो एक कहानी पढ़ी हुई थी कि आदमी लालच के कारण एक बाबा को प्रसन्‍न करता है और वह बाबा उससे प्रसन्‍न होकर उसे एक चक्‍की दे देते हैं। तब वह लालची इंसान उस बाबा से कहता है कि यह चक्‍की मेरे किस काम की, तो बाबा कहता है कि यह जादुई चक्‍की है तुमको जब जिस वस्‍तु की आवश्‍यकता हो इस चक्‍की से मांग लेना, यह तुमको वह वस्‍तु दे देगी। जब तुम इस चक्‍की को आदेश करोगे कि रूक जा तो यह रूक जाएगी। चक्‍की को चलाने व रोकने के लिए बाबा उसे एक मंत्र देता है। जिसे वह इंसान याद कर लेता है और बाबा की दी हुई चक्‍की को लेकर अपने घर आ जाता है। और सोचता है कि कहीं दूर शहर में जाकर ऐशोआराम की जिंदगी जिऊंगा और वह अपने परिवार को लेकर समुद्र के रास्‍ते चलने लगता है। कुछ समय बाद उसके परिवार को भूख लगती है तो वह उस चक्‍की को आदेश देता है और वह वस्‍तुएं उस चक्‍की से निकलना शुरू हो जाती है। खाने के सारी वस्‍तुएं मिल जाने के बाद उसे लगता है मैं तो नमक निकलना भूल ही गया और वह चक्‍की को आदेश देता है कि नमक निकालो.... और चक्‍की से नमक निकलना शुरू हो जाता है। वह इतना खुश था कि चक्‍की को रोकने का मंत्र ही भूल गया और नमक निकलता रहा.... निकलता रहा। जिसके वजन से नाव डूब गई और वह लालची इंसान अपने परिवार सहित समुद्र में डूबकर मर गया।  
मेरा यह कहानी बताने का तात्‍पर्य सिर्फ इतना है कि आप सबके पास बारिश करवाने के तरह-तरह के फार्मुला हैं तो रोकने का जो भी फार्मुला आप लोगों ने इजाद किया हो तो कृपया करके उसको शीघ्र-अति-शीघ्र अमल में लाए। क्‍योंकि आप सब के कारण ही देश में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। और लोग त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे हैं।

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