पउआ 10 रूपए करो वर्ना........भारत बंद
अभी कुछ दिनों पहले एस सी/एस टी एक्ट के विरोध में
सवर्ण जाति के लोगों ने,
फिर मंहगाई को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भारत बंद करवाया था। उसके पहले दलितों ने
भारत बंद करवाया था। जिसे देखों जब देखों भारत बंद करवाता रहता है। वैसे यह अच्छा
तरीका इजाद किया है विरोध दर्ज करने का। तो फिर हम क्यों चुप रहे..... हम भी गुस्से
में हैं। और हमारे गुस्सा का मूल कारण है शराब। जी हां शराब... जिसकी कीमतों में सरकार
लगातार वृद्धि करती जा रही है। हम सदियों से चुप हैं इसका यह मतलब नहीं कि, हम कभी आवाज नहीं उठाएंगे। हम भी आवाज उठाएंगे..... शराबी एकता जिंदाबाद....शराबी
एकता जिंदाबाद...... शराब की कीमत कम की जाए...... सरकार को इस ओर एक प्रभावी कदम
उठाने की जरूरत है क्योंकि देखा गया है कि पूरे भारत के प्रत्येक राज्यों में
शराब की कीमतों में काफी अंतर है। सबसे सस्ती शराब हरियाणा में, उसके बाद पंजाब में फिर दिल्ली.... इसी क्रम में मिलती है। वहीं मध्य प्रदेश
में तो शराब की बोतलों पर दो-दो कीमतें दर्ज हैं और उस दर्ज कीमत के ऊपर भी मध्य प्रदेश
में प्रत्येक पउआ पर 10 रूपए अतिरिक्त ले लिए जाते हैं। यह
तो शराबियों के साथ बहुत नाइंसाफी है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता कि यह शराब के
ठेकेदार लोगों को किस तरह लूटने का काम कर रहे हैं।
सरकार को यह ज्ञात होना चाहिए कि शराब सोम रस है...
इसका उपयोग लोग खुशी का इजहार करने में, गम को भुलाने में करते हैं। किसी के घर शादी हुई..... चल शराब पीते हैं, बच्चा पैदा हुआ..... चल शराब पीते हैं, लड़की ने घोखा
दे दिया... चल शराब पीते हैं, नौकरी लग गई.... चल शराब पीते हैं, चुनाव जीत गए या हार गए…. चल शराब पीते हैं। कहने का
तात्पर्य साफ है कि शादी हो, त्योहार हो, ऑफिस हो, पार्टी हो, जीत हो, हार हो, खुशी हो, गम हो.... हर
जगह.....शराब एक ऐसी चीज हैं जिसके बिना सब कुछ सुना-सुना-सा
प्रतीत होता है। आपको पता होगा कि, आपकी सरकार बिना इसके वितरण
के सत्ता में नहीं आई है....... बहुत से सांसद, विघायक, मंत्रियों और नेताओं ने इसका वितरण किया तब जाकर आप सत्ता पर काबिज हो सके
हैं। फिर भी शराब की कीमत आप लोग बढ़ाते जा रहे हैं। आप लोग नहीं समझ रहे हैं कि शराब
एक शराबी के लिए कितनी महत्वपूर्ण चीज है और आप लगातार इसकी कीमतों में इजाफा करते
जा रहे हैं। शर्म आनी चाहिए..... आप सबके बारे में सोचते हैं...... अमीरों के बारे
में, गरीबों के बारे में, पुरूषों, महिलाओं, बच्चों
के बारे में......कभी हम और हमारे जैसे करोड़ों शराबियों के बारे में सोचा है
आपने.... या आपकी सरकार ने.......... कभी यह सोचा है कि जब एक शराबी शराब पीता है तो
चकने वाले का, पानी की बोतल बेचने वाले का, गिलास बेचने वाले का और सिगरेट बेचने वाले का, हॉटल
वालों का घर चलता है। उसके बाद भी कोई सरकार हम शराबियों के बारे में नहीं सोचती। शराबियों
को डर के साये में शराब का सेवन करना पड़ता है। कहीं कोई पुलिस वाला पकड़कर हवालात
में बंद न कर दे। जब सरकार खुले में शराब बेच सकती है तो शराबियों को खुले में पीने
का अधिकार भी देना चाहिए।
सरकार को अब इस ओर ध्यान देना ही पड़ेगा नहीं तो हम
भी भारत बंद करवाएंगे......क्योंकि एक तरफ जहां सरकार ने पूरे देश में जीएसटी लगाकर
एक जैसे टैक्स को लागू कर दिया है तो फिर संपूर्ण देश में शराब की कीमतें भी एक जैसी
होनी ही चाहिए.... ताकि शराबी एक जैसी कीमतों पर कहीं से भी शराब खरीद सके, और बिना किसी रोक-टोक के उसका सेवन
कर सके। वैसे एक दाम करने पर सरकार को ही फायदा है अवैध शराब की बिक्री बंद हो जाएगी
और सरकार और प्रशासन इस ओर से अपना ध्यान हटाकर दूसरे महत्वपूर्ण कार्यों में लगा
सकती है। तो सरकार हमारी इन मांगों पर ध्यान दे...... कि शराब की कीमतें पूरे देश
में एक जैसी हो..... शराबियों को कहीं भी पीने का अधिकार मिलें......और पुलिस प्रशासन
शराबियों को परेशान न करें......और मूल बात की शराब की कीमतें कम की जाए.... नहीं तो........भारत
बंद ।
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