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Monday, July 9, 2018

मीडिया से गंदगी साफ करने की आवश्‍यकता


मीडिया से गंदगी साफ करने की आवश्‍यकता
आओ देखे समस्या कहां है, कुछ समझने की कोशिश करें कि बलात्कार अचानक इस देश में क्यों बढ़ गए हैं??? इसे कुछ उद्धरण से समझते हैं जैसे.....
1. लोग कहते हैं कि रेप क्यों होता है ?
एक 8 साल का लड़का सिनेमाघर में राजा हरिशचंद्र फिल्म देखने गया और फिल्म से प्रेरित होकर उसने सत्य का मार्ग चुना और वो बड़ा होकर महान व्यक्तित्व से जाना गया। परंतु आज 8 साल का लड़का टीवी पर क्या देखता है ? सिर्फ नंगापन और अश्‍लील वीडियो और फोटो, मैग्जीन में अर्धनग्न फोटो, पड़ोस में रहने वाली भाभी के छोटे कपड़े !!
इस पर लोग कहते हैं कि रेप का कारण बच्चों की मानसिकता है। पर वो मानसिकता आई कहां से ? उसके जिम्मेदार कहीं- न-कहीं हम खुद जिम्मेदार है। क्योंकि हम संयुक्‍त परिवार में अब नहीं रहते। हम अकेले रहना पसंद करते हैं। और अपना परिवार चलाने के लिये माता-पिता को बच्चों को अकेला छोड़कर काम पर पड़ता है। वहीं बच्चे अपना अकेलापन दूर करने के लिए टीवी और इंटरनेट का सहारा लेते हैं। और उनको देखने के लिए क्या मिलता है सिर्फ वही अश्‍लील वीडियो और फोटो, तो वो क्या सीखेंगे यही सब कुछ ना ? अगर वही बच्चा अकेला न रहकर अपने दादा-दादी के साथ रहे तो कुछ अच्छे संस्कार सीखेगा। कुछ हद तक ये भी जिम्मेदार है।
2. पूरा देश रेप पर उबल रहा है, छोटी-छोटी बच्चियों से जो दरिंदगी हो रही उस पर सबके मन मे गुस्सा है। कोई सरकार को कोस रहा, कोई समाज को तो कई महिलावादी स्त्रियां सारे लड़को को बलात्कारी घोषित कर चुकी है !
लेकिन आप सुबह से रात तक कई बार सनी लियोन के कंडोम के विज्ञापन देखते हैं ..!!  फिर दूसरे विज्ञापन  में रणवीर सिंह शैम्पू के ऐड में लड़की पटाने के तरीके बताता है...!!  ऐसे ही क्‍लोज अप,
लिम्का, थम्‍सअप, और बहुत सारे डियो के विज्ञापनों में भी दिखाता है। लेकिन तब आपको गुस्सा नहीं आता है... है ना ???
आप अपने छोटे बच्चों के साथ संगीत  चैनल पर सुनते ही हैं......
दारू बदनाम कर दी,  कुंडी मत खड़काओ राजा, मुन्नी बदनाम, चिकनी चमेली, झंडू बाम, तेरे साथ करूंगा गंदी बात, और न जाने ऐसी कितनी मूवीज के गाने देखते और सुनते हैं। तब आपको गुस्सा नहीं आता ??
मम्मी बच्चों के साथ स्‍टार प्‍लास, जीटीवी, सोनी टीवी देखती है जिसमें एक्टर और एक्ट्रेस सुहाग रात मनाते हैं, किस करते हैं, आंखो में आंखे डालते हैं, और तो और भाभीजी घर पर है, जीजाजी छत पर है,
टप्पू के पापा और बबिता जिसमें एक व्यक्ति दूसरे की पत्नी के पीछे घूमता लार टपकता नज़र आएगा पूरे परिवार के साथ देखते हैं। इन सब सीरियल को देखकर आपको गुस्सा नहीं आता ?? हंसी आती है, मजा आता है आप लोगों को। फिल्म्स आती है जिसमे किस (चुम्बन, आलिंगन), रोमांस से लेकर गंदी कॉमेडी आदि सब कुछ दिखाया जाता है। पर आप बड़े मजे लेकर देखते है, इन सब को देखकर आपको गुस्सा नहीं आता ?? 
खुलेआम टीवी- फिल्म वाले आपके बच्चों को बलात्कारी बनाते हैं। उनके मन मे जहर घोलते हैं। तब आपको गुस्सा नहीं आता ? क्योंकि आपको लगता है कि रेप रोकना सरकार की जिम्मेदारी है। पुलिस, प्रशासन, न्यायव्यवस्था की जिम्मेदारी है..... लेकिन क्या समाज और मीडिया की कोई जिम्मेदारी नहीं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में कुछ भी परोस दोगे क्या ?
आप तो अखबार पढ़कर, न्‍यूज देखकर बस गुस्सा निकालेंगे। कोसेंगे सिस्टम को, सरकार को, पुलिस को, प्रशासन को, डीपी बदल लेंगे, सोशल मीडिया पे खूब हल्ला मचाएंगे, बहुत ज्यादा हुआ तो कैंडल मार्च या धरना कर लेंगे लेकिन....टीवी चैनल्स, बॉलीवुड, मीडिया को कुछ नहीं कहेंगे। क्योंकि वो आपके मनोरंजन के लिए है।
सच पुछिऐ तो टीवी चैनल्‍स अश्‍लीलता परोस रहे है ... पाखंड परोस रहे है, झूंठे विज्ञापन परोस रहे है, झूंठे और सत्य से परे ज्योतिषी पाखंड से भरी कहानियां एवं मंत्र, ताबीज आदि परोस रहे हैं। उनकी भी गलती नहीं है। क्योंकि आप खरीददार हो .....?? बाबा बंगाली, तांत्रिक बाबा, स्त्री वशीकरण के जाल में खुद फंसते हो ।
3. अभी टीवी का खबरिया चैनल मंदसौर के गैंगरेप की घटना पर समाचार चला रहा है।
जैसे ही ब्रेक आए:- पहला विज्ञापन बोडी स्प्रे का जिसमे लड़की आसमान से गिरती है, दूसरा कंडोम का, तीसरा नेहा स्वाहा-स्नेहा स्वाहा वाला, और चौथा प्रेगनेंसी चेक करने वाले मशीन का...... जब हर विज्ञापन, हर फिल्म में नारी को केवल भोग की वस्तु समझा जाएगा तो बलात्कार के ऐसे मामलों को बढ़ावा मिलना निश्चित है। क्योंकि "हादसा एक दम नहीं होता, वक़्त करता है परवरिश बरसों....!" ऐसी निंदनीय घटनाओं के पीछे निश्चित तौर पर भी बाजारवाद ही ज़िम्मेदार है ..
4. आज सोशल मीडिया, इंटरनेट और फिल्मों में @ पोर्न परोसा जा रहा है। तो बच्चे तो बलात्कारी ही बनेंगे ना।  ध्यान रहे समाज और मीडिया को बदले बिना ये आपके कठोर सख्त कानून कितने ही बना लीजिए, ये घटनाएं नहीं रुकने वाली है।
इंतजार कीजिए बहुत जल्‍द आपको फिर केंडल मार्च निकालने का अवसर हमारा स्‍वछंद समाज, बाजारू मीडिया और गंदगी से भरा सोशल मीडिया देने वाला है। अगर ब भी आप बदलने की शुरूआत नहीं करते हैं तो समझिए कि ...... फिर कोई भारत की बेटी निर्भया एवं अन्‍य बेटियों की तरह बर्बाद होने वाली है। आपको आपकी बेटियां बचना है तो सरकार, कानून, पुलिस के भरोसे से बाहर निकलकर समाज, मीडिया और सोशल मीडिया की गंदगी साफ करने की आवश्‍यकता है.....

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