बाजार से गायब 2000 रूपए का नोट
नोट बंदी के बाद जिस 2000 रूपए के नोट के लिए पूरा देश लाइन में
खड़ा दिखाई दे रहा था वो अब वह बाजार से गायब होता दिखाई दे रहा है। जिसके पास है
उसके पास है। यदि वो बाजार में आता है तो गायब हो जाता है। इसका विश्लेषण हम साफ
तौर पर देख सकते हैं कि 2000 रूपए का नोट किस तरह से गायब हो रहा है या गायब
करवाया जा रहा है, क्योंकि
बैंकों से और उनके एटीएम मशीनों से अब 2000 रूपए के नोट मिलना व निकलना बंद हो गए
हैं। बैंकों से मिलते है तो 500 रूपए के नोट और एटीएम मशीनों से 100 व 500 रूपए के
नोट। आखिर इतनी मात्रा में छपे 2000 रूपए के नोट कहां गायब हो गए। इस बारे में
केवल कवायतें लगाई जा सकती है कि कहीं बड़े-बड़े उद्योगपतियों द्वारा इनका पुन:
संचय करना प्रारंभ तो नहीं कर दिया या फिर यह सरकार की कोई सोची समझी साजिश तो
नहीं थी अपना काला धन सफेद कराने की, और जब वह काला धन सफेद
हो गया तो 2000 रूपए के नोट ही गायब करवा दिए बाजार से। ऐसा भी प्रश्न मन में उठ
रहे हैं कि आने वाले लोकसभा के चुनाव के कारण कहीं इनका संचय तो नहीं किया जा रहा
जिसका उपयोग वर्तमान सरकार अपने चुनाव प्रचार व वोटरों को खरीदने में करने वाली
है। यदि ऐसा नहीं है तो कहां गायब हो रहे हैं 2000 रूपए के नोट। सरकार को इस ओर ध्यान
देने की आवश्यकता है। यदि वक्त रहते नहीं संभला गया तो इसके दुष्परिणाम कुछ और
ही दिशा में देश को लाकर खड़ा कर देगें। इसका अंदाजा आने वाले समय में देखा जा
सकता है।
No comments:
Post a Comment