वाह रे रूपया! तेरे कितने नाम
मंदिर में दिया जाए तो - चढ़ावा
स्कुल में - फ़ीस
शादी में दो तो - दहेज
बारात में लुटाया जाए – निछवर
तलाक देने पर - गुजारा भत्ता
आप किसी को देते हो तो - कर्ज
अदालत में - जुर्माना
सरकार लेती है तो - कर
सेवानिवृत्त होने पे - पेंशन
अपहर्ताओ के लिएं - फिरौती
होटल में सेवा के लिए - टिप
बैंक से उधार लो तो - ऋण
श्रमिकों के लिए - वेतन
मातहत कर्मियों के लिए - मजदूरी
अवैध रूप से प्राप्त सेवा - रिश्वत
और मुझे दोगे तो - गिफ्ट
मैं रूपया
हूं........
मुझे आप मरने
के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते; मगर जीते
जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूं...
मैं रूपया
हूं.......
मुझे पसंद करो
सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसंद न करने लगें।
मैं रूपया
हूं......
मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते।
मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते।
मैं रूपया
हूं......
मैं नमक की
तरह हूं; जो जरुरी तो है मगर जरुरत से ज्यादा हो तो जिंदगी
का स्वाद बिगाड़ देता है।
मैं रूपया
हूं......
इतिहास में कई
ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था; मगर फिर भी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था।
मैं रूपया
हूं....
मैं कुछ भी
नहीं हूं; मगर मैं निर्धारित करता हूँ; कि लोग आपको कितनी इज्जत देते है।
मैं रूपया
हूं....
मैं आपके पास
हूं तो आपका हूं:! आपके पास नहीं हूं तो; आपका नहीं हूं...मगर मैं आपके पास हूं तो सब आपके हैं।
मैं रूपया
हूं.....
मैं नई-नई
रिश्तेदारियां बनाता हूं; मगर असली औऱ
पुरानी बिगाड़ देता हूं।
मैं रूपया
हूं.....
मैं सारे फसाद
की जड़ हूं; मगर फिर भी न जाने क्यों सब
मेरे पीछे इतना पागल हैं...?
हां मैं रूपया
हूं................
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