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Monday, June 25, 2018

एक विवाह ऐसा भी….


एक विवाह ऐसा भी….

हमारे समाज में सदियों से विवाह के कुल आठ प्रकारों को दर्शाया गया है जिनमें से आज सिर्फ एक-दो प्रकार की प्रचलन में बचे हुए है बाकि सब वक्‍त के साथ विलुप्‍त हो गए.... यदि आठ प्रकार के विवाहों पर गौर किया जाए तो
1. ब्रह्म विवाह :- दोनों पक्ष की सहमति से समान वर्ग के सुयोज्ञ वर से कन्या का विवाह निश्चित कर देना 'ब्रह्म विवाह' कहलाता है। सामान्यतः इस विवाह के बाद कन्या को आभूषणयुक्त करके विदा किया जाता है। आज का "Arranged Marriage" 'ब्रह्म विवाह' का ही रूप है।
2. दैव विवाह :-किसी सेवा कार्य (विशेषतः धार्मिक अनुष्टान) के मूल्य के रूप में अपनी कन्या को दान में दे देना 'दैव विवाह' कहलाता है।
3. आर्श विवाह :- कन्या-पक्ष वालों को कन्या का मूल्य दे कर (सामान्यतः गौदान करके) कन्या से विवाह कर लेना 'अर्श विवाह' कहलाता है।
4. प्रजापत्य विवाह :- कन्या की सहमति के बिना उसका विवाह अभिजात्य वर्ग के वर से कर देना 'प्रजापत्य विवाह' कहलाता है।
5. गंधर्व विवाह :- परिवार वालों की सहमति के बिना वर और कन्या का बिना किसी रीति-रिवाज के आपस में विवाह कर लेना 'गंधर्व विवाह' कहलाता है।
6. असुर विवाह :- कन्या को खरीद कर (आर्थिक रूप से) विवाह कर लेना 'असुर विवाह' कहलाता है।
7. राक्षस विवाह :- कन्या की सहमति के बिना उसका अपहरण करके जबरदस्ती विवाह कर लेना 'राक्षस विवाह' कहलाता है।
8. पैशाच विवाह :- कन्या की मदहोशी (गहन निद्रा, मानसिक दुर्बलता आदि) का लाभ उठा कर उससे शारीरिक संबंध बना लेना और उससे विवाह करना 'पैशाच विवाह' कहलाता है। इसमें कन्या के परिजनों की हत्या तक कर दी जाती है।
वैसे इन विवाह के उपरांत भी समाज में अन्‍य तरह के विवाह भी देखे जा सकते हैं जिसमें वर का या कन्‍या का मंगली दोष होने के कारण उसका विवाह किसी जानवर से या फिर किसी वृक्ष से कर देना भी समाने आता रहा है ताकि उक्‍त वर या कन्‍या का दोष मिट जाए.....हालांकि कुछ हर राज्‍य में विवाह करने की अलग-अलग परंपरा विकसित है वह अपने कुनबे और अपने धर्म के हिसाब से विवाह करते हैं वहीं बिहार राज्‍य में एक अलग तरह के विवाह को भी देखा जा सकता है जिसको पकडुआ विवाह भी कहते हैं। पकडुआ विवाह वह होता है जिसमें कन्‍या पक्ष किसी वर को पकड़ कर बिना वर की सहमति से अपनी कन्‍या का जबरन विवाह करवा देना पकडुआ विवाह कहलाता है। हालांकि प्रशासन की सख्‍ती के बाद काफी हद तक इस तरह के विवाह पर रोक लग चुकी है परंतु कभी-कभी एक-दो मामले समाने आते रहते हैं।  ठीक उसी तर्ज पर आज मध्‍य प्रदेश में एक बीजेपी नेता ने एक बेचारे मेंढ़क को जबरन पकड़कर उसका विवाह अपनी पुत्री मेंढ़की से करवा दिया..... जिस पर पूरा प्रशासन अभी भी मौन बना हुआ है। हालांकि बीजेपी नेता इस विवाह को ब्रह्म विवाह बता रहे हैं। अब देखना यह है कि क्‍या इस तरह के विवाह पर कोई कानूनन कार्यवाही की जाती है या इस पकडुआ विवाह को बढ़ावा मिलता है। आज मेंढ़क की बात थी तो सब चुप्‍पी साधे बैठे हैं कल आपके कुत्‍ते की बात भी हो सकती है। क्‍या पता कल कोई बीजेपी नेता आपके कुत्‍ते को अपने चमचों से पकड़वा कर उसका विवाह अपनी पुत्री से न करवा दे। तो सकर्त रहे..... सबक एक को और सीख हम सबको....

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