सरोकार की मीडिया

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Monday, November 6, 2017

टंटा ही खत्‍म

टंटा ही खत्‍म
एक हाथ पर - आधार कार्ड नंबर गुदवा ले
दूसरे हाथ पर- पेन कार्ड नंबर गुदवा ले
माथे पर - जी एस टी नंबर गुदवा ले
एक गाल पर - मतदाता पहचान पत्र गुदवा ले
दूसरे गाल पर - बैंक एकाउंट नंबर गुदवा ले
छाती पर - समग्र परिवार आई डी गुदवा ले
एक बाजू पर- खुद की परिवार आई डी गुदवा ले
दूसरी बाजू पर - एस सी \एस टी/सवर्ण गुदवा ले
पेट पर - ड्राइविंग लाइसेंस नम्वर गुदवा ले
पीठ पर - बैंक में जमा रकम लिख कर रखें
गंजे सिर पर- भारतीय गुदवा ले व जिनके बाल है वह कटिंग ऐसी करा ले जिसमे भारत का नक्शा बनवा हो
और कोई - बकाया नंबर हो तो टांगे ।
दरअसल

यह अनुभव हुआ है, कि जिंदा रहने पर यह चीजे पग पग पर लगने लगी है । दूसरी ओर यह बात भी सुनी है कि, शवदाह गृह और सरकारी व संस्थाओं द्वारा संचालित मुक्तिधाम में उन्हीं को जलाया जायेगा जिनके पास उक्त पहचान पत्र होगें । तब मरने वाले को मरने के पहले घरवालों को बताकर रखना होगा कि उक्त डाक्यूमेंट कहाँ  रखे हैं । इसीलिऐ गुदवा कर टंटा ही समाप्त करना हितकर है । अन्यथा बिना  बतालाए मरने पर परिजन शोक मनाने बैठेंगे या घर में डाक्यूमेंट के लिए छापामारी करने लग जायेंगे । शवयात्रा में आए लोग भी पूंछेगे कि डाक्यूमेंट पूरे हैं  तो चलते है अन्यथा वापिस जाते है।

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