सरकार करें सारे बाबाओं को फर्जी
घोषित.....
अखिल भारतीय अखाड़ा
परिषद ने फर्जी बाबाओं की सूची तो जारी कर दी है। परंतु यह सूची तो सरकार द्वारा जारी
की जानी चाहिए.... जिसमें सभी तथाकथित बाबओं और महंतों के नाम को शामिल किया जाना चाहिए। और तो और इस सूची में जो स्वयं को श्री 1008 महंत
नरेंद्र गिरि कहते हैं उनका भी नाम शामिल होना चाहिए। हालांकि जारी सूची में कई
स्वयंभू बाबाओं के नाम शामिल हैं। इस सूची में आसाराम उर्फ आशुमल शिरमानी, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां,
सचिदानंद गिरी उर्फ सचिन दत्ता, गुरमीत राम
रहीम, ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल
बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति
द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ऊं नम:
शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल,
खुशी मुनि, बृहस्पति गिरि और मलखानन गिरि समेत
कुल 14 नाम शामिल हैं।
वैसे यह सूची आखाड़ा
परिषद द्वारा नहीं अपितु प्रत्येक राज्य की सरकार द्वारा किया जाना चाहिए जो अपने-अपने राज्य के बाबाओं की सूची को
जारी करता... जिसमें स्वयं को 1008 महंत और बाबा कहलाने वालों के नाम भी होते....वैसे
आखाड़ा परिषद ने जारी सूची में अपने बहुत सारे सहयोगियों के नाम आखिर क्यों छोड़
दिए जो जनता को भगवान का भय दिखाकर धर्म की आड़ में उल्लू बनाते हैं, जो भगवान की आड़ में सरकार से मोटी-मोटी रकम बसूलते हैं साथ ही मंदिरों में
चढ़ने वाले चढ़ावा पर ऐशों आराम फरमाते नजर आते हैं। अब तो आलम यह हो गया है कि इन
तथाकथति बाबाओं ने मंदिरों का कायाकल्प कर मंदिरों में ही अपने लिए वातानुकूलन कमरे
तक बनवा लिया है जहां यह एसी में आराम फरमाते और आने जाने के लिए बड़ी-बड़ी लग्जरी गाडियों में दिखाई देते हैं... क्या यह वास्तव में बाबा कहलाने
योग्य हैं। बाबा तो वह होता है जो सब कुछ त्याग कर भगवान की भक्ति करता है और जनता
के दु:खों का निवारण.... ऐसा नहीं कि भगवान के नाम पर खुद अय्याशी फरमाएं... ऐसे बाबाओं
की भी सूची जारी करनी चाहिए.... इस सूची में शंकराचार्य, नरेंद्र
गिरि जैसे बाबाओं के साथ-साथ सभी मंदिरों वो तथाकथित बाबा जो
समाज में पाखंड फैलाने का काम करते हैं और भगवान की आड़ में अपनी अय्याशियों को पूरा
करते हैं, उनको भी बहिष्कृत करना चाहिए।
आसाराम: आसाराम ने अपने धर्म की दुकान गुजरात के अहमदाबाद से शुरू की. धर्म का सहारा लेकर इन्होंने अरबों का साम्राज्य खड़ा किया है. साल 2013 से ये नाबालिग शिष्या से रेप के आरोप में जेल में बंद हैं. इनपर आरोप है कि ये आशीर्वाद देने के नाम पर नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण और बलात्कार करते थे. हालांकि अब तक इनपर आरोप सिद्ध नहीं हो पाया है.
राधे मां: खुद की देवी बताने वाली सुखविंदर कौर
उर्फ राधे मां का विवादों से पुराना नाता है. ये भक्तों की गोद में बैठने तक के
पैसे लेती हैं. चार अप्रैल 1965 में पंजाब के जिले गुरुदासपुर के दोरंगला गांव में
जन्मीं सुखविंदर कौर पति की खराब आर्थिक हालत के चलते मुंबई में दूसरे के घरों में
काम करती थीं. महज 10वीं तक पढ़ी राधे मां की 17 साल उम्र में शादी हुई थी. कुछ साल
पहले इन्होंने खुद को महंत घोषित कर दिया था. इनपर खुदकुशी के लिए उकसाने जैसे
गंभीर मामले चल रहे हैं.
सचिदानंद गिरी: नोएडा और गाजियाबाद में रियल
एस्टेट के साथ बीयर बार-पब जैसे कारोबार से जुड़े रहने वाले सचिन दत्ता उर्फ
सचिदानंद अचानक से बाबा बन गए. आरोप है कि इन्होंने धोखे से निरंजनी अखाड़े के
महामंडलेश्वर बन गए. इनके दीक्षा दिलाने के अवसर पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए थे, तत्कालीन सपा सरकार के कद्दावर
मंत्री शिवपाल सिंह यादव भी उसमें शरीक हुए थे.
रियल एस्टेट कारोबारी सचिदानंद गिरी के महंत बनने पर सभी लोग अचंभित थे.
गुरमीत राम रहीम: सिरसा के डेरा सच्चा सौदा
प्रमुख गुरमीत राम रहीम हाल ही में रेप के मामले में सजा पाए हैं. 15 अगस्त 1967
को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्मे राम रहीम 1990 में डेरा सच्चा सौदा के
प्रमुख बने. ये खुद को रॉकस्टार बाबा के रूप में प्रस्तुत करते रहे. इन्होंने
फिल्मों में भी अभिनय किया है. साथ ही गुरमीत राम रहीम शिष्या से रेप के दोषी हैं.
इसके अलावा पत्रकार और सेवादार की हत्या मामले में भी आरोप हैं.
ओम बाबा: एक न्यूज चैनल पर बहस के दौरान मारपीट
करने और टीवी रियलिटी शो 'बिग बॉस' में अपनी बेहुदा हरकतों के चलते ओम बाबा
सुर्खियों में आए. टाडा आर्म्स एक्ट केस के चलते ओमजी स्वामी पांच साल जेल में सजा
काट चुके हैं. साल 1972 में उन्होंने साधु का रूप धारण किया. उन्होंने बताया कि
दिल्ली के मोतीबाग में कांग्रेस की सेक्रेटरी रहीं रानी प्रेमलता के यहां ही बाबा
साधु बने. इनपर चोरी, ठगी जैसे आरोप हैं.
निर्मल बाबा: टीवी चैनलों पर निर्मल बाबा काफी
लोकप्रिय हैं. ये ऊटपटांग उपाय बताकर लोगों की समस्याएं सुलझाते हैं. झारखंड के
वरिष्ठ राजनेता इंदर सिंह नामधारी के मुताबिक निर्मल बाबा उनके रिश्तेदार हैं.
निर्मल बाबा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं और इनपर आय से अधिक संपत्ति समेत कई
मामले दर्ज हैं.
भीमानंद महाराज: 1988 में दिल्ली के नेहरु
प्लेस स्थित एक फाइव स्टार होटल में गार्ड की नौकरी करने वाले भीमानंद अचानक से
बाबा बन गए. 12 साल में भीमानंद ने करोड़ों की संपत्ति बना ली थी. ये कथित बाबा
सेक्स रैकेट चलाने और चीटिंग करने के आरोप में जेल जा चुके हैं. भीमानंद उत्तर
प्रदेश के चित्रकूट के चमरौहा गांव के रहने वाले हैं. स्वामी भीमानंद खुद को साईं
बाबा का अवतार बताते रहे. इनका असली नाम असली नाम शिव मूरत द्विवेदी है.
असीमानंद: मूल रूप से पश्चिम बंगाल के हुगली के
रहने वाले असीमानंद का असली नाम नब कुमार है. वे 1990 से 2007 के बीच राष्ट्रीय
स्वयं सेवक संघ से जुड़ी संस्था वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत प्रचारक प्रमुख
रहे. इन्होंने शबरी माता का मंदिर बनाया और शबरी धाम स्थापित किया. ये अजमेर दरगाह
में 2007 में हुए विस्फोट मामले में आरोपी रहे. स्वामी असीमानंद को अजमेर, हैदराबाद और समझौता एक्सप्रेस
विस्फोट मामलों में 19 नवंबर 2010 को उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया
था.
बृहस्पति गिरि: उत्तर प्रदेश में अलखनाथ ट्रस्ट के कई मंदिर हैं. बृहस्पति गिरि पर आरोप है कि इन्होंने जालसाजी से अलखनाथ ट्रस्ट के मंदिरों पर अधिकार हासिल करने की कोशिश की. इनपर अलखनाथ ट्रस्ट के पूर्व महंत धर्म गिरि की हत्या के आरोप लगते रहे हैं.
नारायण साईं: आसाराम के बेटे नारायण साईं भी
खुद को महंत घोषित कर चुका है. नारायण साईं पर यौन शोषण और हत्या के आरोप हैं. ये
भी लंबे समय तक जेल में रह चुके हैं.
रामपाल: स्वयं को भगवान
बताने वाले रामपाल इन दिनों जेल में कैद हैं. हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील
के धनाना गांव में पैदा हुए रामपाल हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर
इंजीनियर थे. स्वामी रामदेवानंद महाराज के शिष्य बनने के बाद नौकरी छोड़ प्रवचन
देना शुरू किया था. बाद के दिनों में कबीर पंथ को मानने लगे और अपने अनुयायी बनाने
में जुट गए. रामपाल के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज है. 2006 में रामपाल पर
हत्या का केस दर्ज हुआ था.
यदि वास्तव में फर्जी बाबाओं पर रोक लगानी है तो सभी तथाकथित बाबाओं पर टैक्स के साथ-साथ उनके क्रियाकलापों पर भी नजर रखनी चाहिए ताकि उक्त बाबाओं के खिलाफ कार्यवाही की जा सकें... और ऐसा नहीं होना चाहिए कि स्वयं सरकर इन बाबाओं के सामने नतमस्तक और चरण वंदना करते नजर आएं।
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