भारत: इतिहास रचने की कतार में
हां भई हां मैं भारत टीम की बात कर रहा हूं, जो इतिहास रचने में आगे बढ़ती जा रही है। चाहे वो हारने का इतिहास ही क्यों न हो। अब तो आदत सी हो गई है हारने की। अभी हाल ही मैं एक सीरिज हार के आये हैं और दूसरी हारने के कगार पे खड़े हैं। अगर देखा जाए तो जब से इंडिया टीम वर्ल्ड कप जीती है तब से ही कप्तान धोनी का लक जैसे छूमंतर हो गया है, हारते ही जा रहे हैं। मेरे हिसाब से ऐसा भी हो सकता है कि जब से युवराज सिंह बीमार पड़े है तब से ही टीम इंडिया हार का सामना कर रही है। इसे एक इतफाक कहा जा सकता है।
वैसे दिनांक 16-03-2012 को सचिन ने भी इतिहास रच दिया, 100 शतक लगाने का। जिसको लेकर पूरा मीडिया अभी तक गरमाया हुआ है। सचिन ऐसा सचिन वैसा, सचिन ने ऐसे अपने क्रिकेट की शुरूआत की और ऐसे 100 शतक बनाये। पर ये खबर किसी भी मीडिया ने प्रकाशित नहीं की कि कितने मौके दिए गये सचिन को अपने 100 शतक बनाने के लिए, पूरा का पूरा एक साल। हां एक साल में 1 शतक बनाया गया सचिन द्वारा। फिर भी हार गये बांग्लादेश से।
इस परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो बीसीसीआई द्वारा खिलाडि़यों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है, एक तरफ तो एक खिलाड़ी को पूरे एक साल मौका दिया गया, वहीं दूसरे खिलाडि़यों को 1 या 2 मैच में मौका देने के बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जैसे- विनोद कंबली, मुहम्मद कैफ, लक्ष्मण, सौरभ गंगुली आदि और भी खिलाड़ी हैं जिनको बाहर का रास्ता दिखाने में कोई देरी नहीं की। वहीं सचिन का शतक बनवाने में सभी ने सहयोग किया, एक साल तक मौका देते रहे। तब जाकर 16 मार्च को उन्होंने अपना 100वां शतक बना पाया। इसके बावजूद टीम इंडिया को हार का दंश झेलना पड़ा। अगर पूरे मैच का विश्लेषण किया जाए तो हार का मुजरिम कौन है इसका पता चल जाएगा। सचिन के 100वें शतक के कारण सरकार के मंत्री से लेकर बाबा तक सिफारिस कर रहे हैं सचिन को भारत रत्न से सम्मानित करने की। जबकि हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर धयानचंद जिन्होंने 1 नहीं 2 नहीं पूरे 3 बार हॉकी वर्ल्ड कप दिलाया। उनको अभी तक भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया। जबकि सचिन को लेकर बाजार गरमाया हुआ है। मुझे तो इसमें भी भेदभाव की बू आ रही है। शायद इस भेदभावपूर्ण रवैया के चलते सचिन को भारत रत्न से नवाज दिया जाए और मेजर धयानचंद पर किसी का ध्यान ही न जाये।
हालांकि आज भी पकिस्तान और भारत के बीच मैच चल रहा है और स्थिति अत्यंत दयनीय दिखाई दे रही है। शायद ही पाकिस्तान से इंडिया जीत सके। क्योंकि हारने की तो आदत सी हो गयी है। वहीं अपने हिस्से का काम गेंदबाज बखूबी कर रहे है, जिसे देखों हर ओवर में 8-10 देकर जा रहा है। वैसे आज का मैच निधारित करेगा कि भारत सीरिज में बना रहेगा या हारने के बाद बाहर हो जाएगा। क्योंकि इतिहास रचने की कतार में खड़ा हो चुका है भारत।
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