ये बडी अशोभनीय बात है कि भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह,कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व अन्य लोगों की तस्वीरों को इस तरह से अभिनेत्री व अभिनेताओं की तस्वीरों के साथ मेल कराकर पोस्ट किया जा रहा है और उस पर लोगों द्वारा तरह-तरह के कमेंट दिये जा रहे हैं.ये कौन-सा अधिकार है,जिसमें फोटों के उपर चेहरा लगाकर उसकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.फेसबुक पर इस तरह की फोटों की भरमार मची हुई है और साइबर क्राइम कानून मौन साधे हुए सभी के मुंह ताकने में लगा हुआ है.जब देश के मंत्री, प्रधानमंत्री व अन्य नेता, राज्य नेताओं की तस्वीरों के साथ इस तरह का खिलवाड हो सकता है तो किसी भी नग्न तस्वीर को किसी लडके-लडकियों की तस्वीरों के साथ जोडकर उसको बदनाम करना बहुत ही आसान हो जाएगा, और कानून हाथों पर हाथ रखकर सबकुछ तमाशबीनों की तरह तमाशा देखता रहेगा.
सोशल साइट पर इस तरह का कृत्यऔ हमारी सभ्यता के खिलाफ है. माना कि सभी को अपनी-अपनी बात कहने की पूरी आजादी है, सभी पूर्णरूप से स्वतंत्र हैं परन्तु ये स्वतंत्रता तभी तक होती है जब तक किसी दूसरे की स्वक\तंत्रता बाधित न हो.इसके बावजूद हमसब के द्वारा किसी के चेहरे पर किसी का चेहरा लगाया जाना क्या उचित है.लोग तो अपने घर की इज्जत बचाने की भरसक कोशिश करते रहते है पर ये क्याक हम ही अपने देश की इज्जत को तार-तार करने में लगे हुए हैं.ये अपराध की श्रेणी में आता है,इस अपराध को रोकने के लिए साइबर कानून बना हुआ है. इसके बाद भी ऐसा हो रहा है, लगातार हो रहा है. शायद फेसबुक व सोशल साइटों पर साइबर कानून की नजर नहीं है या फिर सभी जगह चढने वाली चढोत्तोरियां इनके द्वार पर चढ जाती होगी.तभी तो इन साइटों के खिलाफ कुछ भी कार्यवाही नहीं हो रही हैं, जो साइबर क्राइम को बढावा देने में लगी हुई हैं.
सोशल साइट पर इस तरह का कृत्यऔ हमारी सभ्यता के खिलाफ है. माना कि सभी को अपनी-अपनी बात कहने की पूरी आजादी है, सभी पूर्णरूप से स्वतंत्र हैं परन्तु ये स्वतंत्रता तभी तक होती है जब तक किसी दूसरे की स्वक\तंत्रता बाधित न हो.इसके बावजूद हमसब के द्वारा किसी के चेहरे पर किसी का चेहरा लगाया जाना क्या उचित है.लोग तो अपने घर की इज्जत बचाने की भरसक कोशिश करते रहते है पर ये क्याक हम ही अपने देश की इज्जत को तार-तार करने में लगे हुए हैं.ये अपराध की श्रेणी में आता है,इस अपराध को रोकने के लिए साइबर कानून बना हुआ है. इसके बाद भी ऐसा हो रहा है, लगातार हो रहा है. शायद फेसबुक व सोशल साइटों पर साइबर कानून की नजर नहीं है या फिर सभी जगह चढने वाली चढोत्तोरियां इनके द्वार पर चढ जाती होगी.तभी तो इन साइटों के खिलाफ कुछ भी कार्यवाही नहीं हो रही हैं, जो साइबर क्राइम को बढावा देने में लगी हुई हैं.
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