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Wednesday, July 29, 2020

कोरोना वायरस की आड़ में कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र तो नहीं चल रहा


कोरोना वायरस की आड़ में कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र तो नहीं चल रहा
अब दिमाग लगाकर सोचिए :: अगर कोरोना संक्रमित बीमारी है तो परिंदे और जानवर को अभी तक कैसे नहीं हुआ . यह कैसी बीमारी है जिसमें  सरकारी लोग और हीरो ठीक हो जाते हैं और आम जनता मर जाती है .. कोई भी घर में या रोड पर तड़प कर नहीं रता हॉस्पिटल में ही क्यों मौत आती है..
यह कैसी बीमारी है ...कोई आज पॉजिटिव है तो कल बिना इलाज कराए नेगेटिव हो जाता है..
कोरोना संक्रमित बीमारी है…..जो जलसे में / रैली में/ और लाखों के प्रोटेस्ट में नहीं जाता, लेकिन गरीब नॉर्मल खांसी चेक कराने जाए तो 5 दिन बाद लाश बनकर आता है..
गजब का कोरोना वायरस है ...जिस की कोई दवा नहीं.बनीफिर भी लोग 99% ठीक हो रहे हैं..
यह कौन सी जादुई बीमारी है......जिसके आने से सब बीमारी खत्म हो गई अब जो भी मर रहा है कोरोना से ही मर रहा है.???
जरा सोचिये…साबुन और सैनिटाइजर से कोरोना मर जाता है तो इस को मारने की दवाई क्यों नहीं बनाई
यह कैसा कोरोना है….हॉस्पिटल में गरीब आदमी के  जिस्म का महंगा पार्ट निकालकर लाश को ताबूत में छुपा कर खोल कर नहीं देखने का हुक्म देकर बॉडी दी जाती है..
#है_कोई_जवाब ::????  अगर है जरूरदेना,अगर नहीं है तो सोचना कोरोना की आड़ में क्या चल रहा है ::::
कुछ हास्पिटल से न्यूज आ रहीं हैं कि सुबह मरीज़ को भर्ती किया जाता है और शाम को न्यूज मिलती है कि मरीज़ की करोना से मौत हो गई...(क्या सुबह से शाम तक करोना की रिपोर्ट भी आ गयी और शाम को करोना से डेथ भी हो गयी, और लाश का अंतिम संस्कार भी हो गया) इनके हिसाब से तो करोना की कोई स्टेज ही नहीं होती, जो पहले पाजिटिव से नेगटीव हुए, वो कैसे ठीक हुए, 15-20 दिन मे तो कनीका कपूर भी ठीक होकर घर चली गयी, आखिर ऐसा कौनसा इलाज था जो कनीका की 5 रिपोर्ट पोजिटिव आई और 6 रिपोर्ट मे नेगटीव आई.. और गरीबो की सुबह रिपोर्ट पोजिटिव आती है और शाम को उसकी डेथ हो जाती है.. क्या गरीब और माध्यम बर्ग की सिर्फ एक ही रिपोर्ट आती है positive या negative या डेथ?  हैरानी की बात है की कोई खांसी, जुकाम, बुखार और कोई लक्षण नहीं फिर भी रिपोर्ट पॉजिटिव कहीं कोई किडनी स्कैम तो नहीं हो रहा है...?.
किडनी ही क्यों आंख, लीवर, ब्लड, प्लाजमा और भी बहुत पार्ट हैं क्या कोई बहुत बड़ा झोल हो रहा है अंतराष्ट्रीय बाजार में व्यक्ति के पार्टस की कीमत करोड़ो रूपये हैं,  क्या कोरोना की आड़ में कोई षड्यंत्र चल रहा है क्योंकि  मृत देह को घरवालों को देते नहीं ना ही कोरोना के नाम से घर वाले बॉडी लेते हैं  और बंद लिफाफे में क्या हुआ है बॉडी के साथ किसे पता। सबको मिलकर ऐसा कदम उठाना होगा जिससे कम से कम S.C. की निगरानी में जांच हो, ताकि हकीकत सामने आए...साभार अज्ञात

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