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Monday, March 5, 2018

जयकारा करनी है तो जवानों और किसानों की कीजिए...


जयकारा करनी है तो जवानों और किसानों की कीजिए...

देश में जातिवाद और धर्मवाद में लिप्‍त हर इंसान से अब बू आने लगी है....जिसे देखों अपना-अपना धर्म, अपनी-अपनी जाति का राग अलापता दिखाई  दे  रहा  है... सब के सब अपने धर्म की जयकार करने में लगे हुए हैं...... कोई जय श्रीराम, कोई जय शिवाजी, कोई जय भवानी, कोई जय भीम, कोई जय बौद्ध, कोई जय हनुमान, कोई अल्‍लाह हू अकबर, कोई वाहे गुरू, कोई यीशु, कोई जय जिनेन्‍द्र की जयकार करने में लगा हुआ दिखाई दे रहा है...परंतु सन् 1964 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा दिया गया नारा जय जवान-जय किसान को सब भूल चुके हैं... जवान जो देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को निछवर कर देते हैं ताकि हम और आप चैन से अपने-अपने घरों में सो सके... और किसान दिन-रात मेहनत करके अनाज उगाता है ताकि हम और आप अपने परिवार को भोजन दे सके..... अगर जवान और किसान भी सिर्फ जयकारा करने में लग जाए तो देश का उद्धार हो गया.....
जयकारा करने वालों गोली का कोई धर्म न होता... भूख का कोई मजहब नहीं होता..... अगर जवान और किसान नहीं रहेगें तो  जय श्रीराम, जय शिवाजी, जय भवानी, जय भीम, जय बौद्ध, जय हनुमान, अल्‍लाह हू अकबर, वाहे गुरू, यीशु, जिनेन्‍द्र न तो अपनी रक्षा करने के लिए आएंगे और न ही आपको भोजन देने...... अगर वास्‍तव में आपके भगवान, अल्‍लाह, वाहे गुरू, जीजस, बौद्ध, जिनेन्‍द्र यह सब हैं जिनके पीछे आप इंसान को इंसान नहीं समझ रहे....धर्म ने नाम पर एक दूसरे का गला कटते पर उतारू दिखाई देते हो....तो जवानों को शरहदों से वापस क्‍यों नहीं बुला लेते.... और अपने-अपने भगवानों, अल्‍लाहों, गुरूओं, जीसस, बौद्ध, जिनेन्‍द्र से कहो की वो ही शरहदों पर आपकी रक्षा करें....वो ही तुमको खाने के लिए अनाज मुहैया कराए.... तो बगले झांकते दिखाई दोगें.....क्‍योंकि सबको पता है कि बिना जवानों के आप सुरक्षित नहीं है और बिना किसान के आप जिंदा नहीं रह सकते... अब तो हालात किसी ने छुपे नहीं है जवान देश के लिए शहीद हो रहे हैं और किसान आत्‍महत्‍या करते जा रहे हैं.... इनका सहयोग और बल देने के बजाय अपने-अपने धर्म और जातियों को बढ़ावा दे रहे हो...कुछ तो शर्म करो...अपने ऊपर धर्म और जाति को इतना हावी न होने दे कि आप इंसान को इंसान ही न समझे.....जयकारा करनी है तो जवानों और किसानों की कीजिए... और उनका सहायोग और उनको बढ़ावा दे.. ताकि देश उन्‍नत के मार्ग पर अग्रसरित हो जाए....

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