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Tuesday, February 6, 2018

बेरोजगार बनाम पकौड़े

बेरोजगार बनाम पकौड़े

जब से सरकार और सरकार के रहनुमाओं द्वारा कहा गया है कि बेरोजगारों को पकौड़े बनाने चाहिए.. तो एक बात सरकार यह बताए कि पकौड़े कहां पर बेचे.. क्‍योंकि उसके लिए एक जगह/दुकान की आवश्‍यकता होती है... तो क्‍या सरकार सभी बेरोजगारों को एक-एक दुकान मुहैया करवा रही है....और यह भी बता दे कि जब सारे बेरोजगार युवा पकौड़े बनाएंगे तो फिर उन बने हुए पकौड़ों को खरीदेगा कौन... क्‍या सरकार ने बने हुए पकौड़ों को खरीदकर विदेश भेजने की कोई योजना अपने जहन में बना रखी है... ताकि बेरोजगार द्वारा निर्मित पकौड़ों को खपाया जा सकें...या फिर सरकार ने संसद में सांसदों और विधायकों को दी जाने वाली सब्‍सीडी खत्‍म करके, लोकसभा और राज्‍य सभा में यह विधियक पारित करने की योजना बना ली है कि अब से लोकसभा और राज्‍य सभा के सत्रों के दौरान सिर्फ और सिर्फ पकौड़े मिलेंगे... इसके अतिरिक्‍त उन्‍हें यदि कुछ और चाहिए होगा तो 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ लेना होगा.... इसके साथ-साथ जितने भी विदेश मंत्रियों का भारत आगमन होगा उन सभी का स्‍वागत भी पकौड़ों से ही किया जाएगा...साथ ही जब-जब सरकार के मंत्रियों द्वारा प्रेसवार्ता की जाएगी या फिर किसी तरह का कोई कार्यक्रम या रैली का आयोजन किया जाएगा तो उसमें भी पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को सिर्फ पकौड़े ही खिलाए जाएंगे... तभी तो बन हुए पकौड़ों की खपत हो सकती है... वैसे इसके बाद भी यदि पकौड़े बच जाए तो सरकार द्वारा प्रति महीने के हिसाब से मुआवजा देने के प्रावधान के बारे में अरूण जेटली आगामी बजट सत्र में घोषणा कर सकते हैं... तो युवा तैयार हो जाए पकौड़े बनाने के लिए...... 

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