मैं....................?
मैं,कौन हूं?मैं,कश्मकश के जीवन में, तलाश करता रहा, जब से होश संभाला है,खुद से लड़ता रहा, अपने अंतर मन से बार-बार,एक ही सवाल पूछता रहा, कौन हूं?मैं,सवाल कभी उत्तर न बन पाया,पर हार नहीं मानी, मैंने पूछता रहा, जबाव की आश में, दिन-महीने-साल
यूं ही गुजर गये,बच्चे से युवा
युवा से जवान
अब जवान से बूढ़ा
होता जा रहा हूं,पाया-खोया, खोकर फिर पाया,सिलसिला थमा नहीं,चलता रहा,एक गति से
समझ न पाया, खुद को
या समझा नहीं पाया
कौन हूं?मैं,हां कौन हूं? मैं,
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