यह तो बस शुरूआत है......
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार और मुखिया अखिलेश
यादव के कार्यकाल में जब कभी दंगें हुए तो भारतीय जनता पार्टी इन दंगों को आड़े
हाथों लेती रही और इसे सपा सरकार व अखिलेश यादव की नाकाबलियत मानती रही... कि उनके
कार्यकाल में कानून व्यवस्था ठप्प हो जाती है... इस संदर्भ में बीजेपी के सभी नेता
अपने-अपने भाषण और वक्तव्य में कहा करते थे कि उनकी सरकार होती तो ऐसा नहीं
होता.... दंगें नहीं होते, कानून व्यवस्था सूचारू रूप से चलती... तो आज उनके बता दूं कि
प्रदेश में उनकी पूर्ण बहूमत की सरकार है जिसे बने हुए अभी जुमा-जुमा 2 माह ही हुए हैं
और प्रदेश में बलात्कापर, मार-पीट, लूटमार तो चल ही रहा था अब दंगों की शुरूआत सहारनपुर दंगों से
हो चुकी है.... इसका मतलब यह है कि बीजेपी भी कानून व्यूवस्था सूचारू ढंग से
चला पाने में असमर्थ प्रतीत हो रही है... क्योंकि दूसरों की कार्य प्रणाली पर
लांछन तो कोई भी लगा सकता है.... जब वो चीजेें खुद करनी पड़े तो कोने तलाशते फिरते
हैं.... जुमले मारिए और इस दंगें को किसी और पार्टी पर मड़ दीजिए.....किस इस दंगें
को करवाने में किसी और पार्टी का हाथ है जो अपनी बीजेपी (योगी सरकार) को नीचा
दिखाने के लिए यह सब कर रही है.... हालांकि बीजेपी या उनकी पार्टी का कोई मंत्री
ऐसा कोई भी बयान देता है तो इससे यह भी साफ साबित हो जाएगा कि सपा शासनकाल में हुए
दंगों में शायद बीजेपी का हाथ न हो..... वैसे मैं सपा का समर्थक नहीं हूं..... जो
सपा के पक्ष में और बीजेपी के विपक्ष में नहीं लिख रहा हूं... सपा के शासनकाल में
सभी जानते हैं कि कानून व्यवस्था और पुलिस व्यवस्था की रीड़ तोड़ दी
जाती है... ताकि उनके नेता और समर्थक अपनी मनमानी कर सकें... तो उसी के पदचिन्हों
पर योगी सरकार भी चलती हुई प्रतीत हो रही है.... क्योंकि देखा जा रहा है कि भगवा
धारण करके योगी व बीजेपी के समर्थक अती पर उतारू नजर आ रहे हैं..... खास तौर से
मुसलमानों के विपक्ष और विरोध में खड़े नजर आ रहे है.... इस विरोध से सिर्फ और
सिर्फ दंगें होगें और कुछ नहीं हो सकता... खैर अभी तो शुरूआत है 4 साल 10 माह बाकि है.........
No comments:
Post a Comment