एक दिन
मयखाना फ्री हो जाए....??????
काश केंद्र में बैठी
सरकार यह ऐलान कर दे कि जिस दिन उत्तर प्रदेश के जिस जिले में विधानसभा हेतू वोटिंग
डाली जाएगी उस दिन वहां के ठेकों पर केंद्र सरकार द्वारा शराब का मुफ्त वितरण किया
जाएगा...दिल खोलकर शराब पिओ और अपने पसंदीदा उम्मीदवार को जिताओं... इसमें बुराई भी
क्या है...यदि शराब इतनी ही बुरी चीज है तो सरकार इस पर पूर्ण रूप से पाबंदी क्यों
नहीं लगाती...बेचारे हमारे प्रदेश के पुलिस वालों को खासी मसक्कत करनी पड़ती है शराब
को बनाने वालों को पकड़ने में....अरे भाई बड़ी-बड़ी कंपनियों को पकड़ों वो भी तो शराब
बना रही है। वहीं हमारे मीडिया साथियों को भी खबर बनानी पड़ती है...कि फलां-फलां पुलिस
ने इतने लीटर शराब समेत 3 को पकड़ा...सही है पकड़ लिया...अब यह भी तो दिखाओं की जमानत
पर कानून ने उनको रिहा कर दिया.....हां यह और बात है कि कुछ लोगों को जेल की हवा भी
खानी पड़ती है और सजा भी भुगतनी पड़ती है क्योंकि उनका वकील सलमान खान के वकील जैसा
नहीं होता...जो सारे सबूतों को ही पलटकर रख दें..और हमारे माननीय जज साहब को फैसला
सुनना पड़े कि खुद हिरन चलकर आया था.. इसमें सलमान खान निर्दोष हैं और हिरन दोषी....यदि
हमारे कानून में मुर्दो को सजा देने का प्रावधान होता तो हिरन को कब की सजा मिल चुकी
होती....यदि हिरन को नहीं तो हिरन के बच्चों को मिल चुकी होती...क्योंकि सलमान खान
ने तो शराब के नशे में फुटपाथ पर सो रहे लोगों पर गाड़ी भी नहीं चढ़ाई थी....खुद फुटपाथ
पर सो रहे लोगों ने जब देखा कि सलमान खान की गाड़ी आ रही है तो वो खुद सोते सोते ही
उसकी गाड़ी के नीचे आ गए होंगे... अरे भाई शायद में मुद्दे से भटक गया...में तो विधानसभा
चुनाव में शराब को सरकार द्वारा मुफ्त पिलाने की बात कर रहा था...क्योंकि होना तो
ऐसा ही है कि तमाम पाटियों के लोग वोट के खातिर अपने पाले हुए भाईनुमां गुंडों को पैसा
देकर शराब का वितरण तो करवाएंगे ही...तो फिर जो लुकाछिपी में होगा वह सरकार को चाहिए
कि इस संबंध में खुली छूट देकर मुक्ति पा ले....ताकि पुलिसवालों को परेशानियों का सामना
न करना पड़े...अब वो चुनाव देखें या फिर शराब को बनाने वालों को पकड़े या फिर शराब
को पिलाने वालों को....तभी तो कह रहा हूं कि चुनाव को मद्देनजर रखते हुए शराब को उस
दिन के लिए मुफ्त कर दिया जाए जिस दिन वोटिंग होने वाली हो....वैसे यह बात भी है कि
इससे आदमी सही उम्मीदवार का चयन करेंगा...क्योंकि शराब पीने के बाद आदमी का दिमाग
ज्यादा ही सक्रिय हो जाता है उसे अच्छे और बुरे दोनों का ज्ञात होने लगता है.. अभी
तो ऐसा होगा कि भाई- भतीजावाद या फिर धर्म - जातिवाद, जात- जातवाद के नाम पर वोट दिए जाएंगे
बिना यह देखे कि उस पार्टी ने पिछले पांच सालों से वहां की जनता और जिले, नगर के विकास
के लिए क्या क्या किया। जब वो दो पैग पी लेगा तो उसे उस उम्मीदवार के कर्मों का
लेखाजोखा और पिछले पांच साल में किए गए विकास का लेखा जोखा समझ में आने लगेगा...तभी
तो सरकार से अग्रह है कि सिर्फ एक दिन शराब का वितरण मुफ्त कर दिया जाए....वैसे भी
नोटबंदी के बाद से बहुत सारे करोड़ों रूपए आपने पकड़े हैं थोड़ी ही धनराशि से शराब
का सेवन ही करवा दीजिए जनता आपको दुआएं देंगी...और हो सकता है कि वोट भी दे दे....तो
फिर ज्यादा सोचा विचारी मत कीजिए और मुझे एक वोट समझकर मेरी बात पर गौर फरमाएं.....क्योंकि
हमको पता है कि जो भी उम्मीदवार जीतकर आएंगा वो पिछले वाला जैसा ही होगा....कोई खास
बदलाव नहीं आएंगा... बस नाम बदल जाएंगा...पार्टी बदल जाएंगी...बस काम का नाम मत लेगा
क्योंकि विकास नहीं होगा.....बाकि सब होगा...माया, मुलायम, अखिलेश, राहुल, प्रियंका, सोनिया, मोदी, राजनाथ, कल्यान अन्य कोई भी, बसपा, सपा, कांग्रेस, बीजेपी, अन्य कोई भी पर विकास नहीं आएंगा....यह बस
एक जुमला रह जाएगा कि विकास होगा....विकास को तो यह नेता गर्भ में ही मार देते है और
जनता इसी आस में रह जाती है कि चलों अगले पांच साल बाद विकास होगा.....
नोट:- इस लेख का किसी
पार्टी विशेष से कोई लेना देना नहीं है...यदि सहयोग से किसी का नाम आता है तो इसें
मात्र एक संजोग समझा जाए...यह लेखक के अपने मत है....
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