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Wednesday, April 18, 2012

निर्मला बाबा लूट-इंडिया-लूट........


निर्मला बाबा लूट-इंडिया-लूट........

आज हर चैनलों पर एक ही नाम गूंज रहा है, हां भई हां। निर्मल बाबा, चारों तरफ निर्मल बाबा ही निर्मल बाबा। एक तरफ इस बाबा के पक्ष में तो दूसरी ओर इसके विपक्ष में हजारों की संख्यां में लोगों का जमावड़ा दिखाई दे रहा है। कभी आस्था तो कभी पैसे की कमाई, तो कभी भक्तों की फिक्सिंग। क्या है यह सब। सबकी समझ से परे है। वैसे हमारे देश में आये दिन कोई न कोई बाबा जन्म ले ही लेता है। जो धर्म और उनकी समस्याओं के निवारण के नाम पर उनकी मेहनत की कमाई को ठगने का काम आसानी से करता रहता है। जिसका सहयोग मीडिया भी कर रहा है। और हर चैनलों पर उसके कारनामों को दिखाया जा रहा है। वहीं काटजू ने कहा है कि इस तरह के अं‍धविश्वास से संबधित सभी कार्यक्रमों पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लग जाना चाहिए।
इस परिप्रेक्ष्य। में बात करे तो इस मुद्दे पर हमारे देश के सभी सर्वमान्य बाबा जिसमें रामदेव बाबा भी आते हैं वो क्यों चुप हैं, क्या चोर-चोर मौसरे भाई का मामला तो नहीं है तभी तो अभी तक रामदेव की तरफ से कोई भी ब्याक नहीं आया। वहीं अन्ना  हजारे जो आंदोलनों के प्रणनेता कहे जाते हैं। वो भी इस भ्रष्ट की करतूत पे अपनी चुप्पी साधे हुए है। कुछ न कुछ गंभीर मामला तो जरूर है कोई खिचड़ी तो जरूर पकाई जा रही है। एक प्रश्न  मेरे जहन में बार बार उठ रहा है क्या इस बाबा के सिर पर किसी बड़े राजनेता का हाथ तो नहीं है। सवाल अभी भी जनता के कठघरे में कैद है। जिसका जबाव मैं खोजने की कोशिश कर रहा हूं।
वहीं एक बात और अगर इस बाबा में दिव्य शक्ति है तो वह पूरे देश से भुखमरी, कुपोषण, और लाईलाज जैसी बिमारियों के साथ-साथ हो रहे आंतकी वारदातों को क्यों खत्म  नहीं कर देते। मुझे तो यह बाबा सभी बाबाओं की तरह ठोंगी बाबा ही लग रहा है जो जनता को उल्लू बना रहा है और धर्म, आस्थां, कष्टों के निवारण के नाम पर करोड़ों रूपये अपनी तिजौरी में भर रहा है। जिस पर पूरा प्रशासन मौन बना हुए है और जनता को लुटते हुए देख रहा है। कारण तो जरूर है, पर्दा अभी पड़ा हुआ है जो वक्त की आंधी से जरूर उठ जाएगा और इस बाबा की हकीकत समाज के सामने आ ही जाएगी।  

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