कभी देखो किसी को हंसते हुए
क्या जहन में आता है तुम्हारे
लगता है खुश है वो
शायद अपने गमों को
छुपाने की भरसक कोशिश करने का
प्रयास किये जा रहा है
कोई उसके गमों को जान भी न पाए
इस सोच में
अपने चेहरे पर खुशी की झूठी मुस्कान बिखेरने की
हर संभव कोशिश
करना चाहता है
शायद वो कामयाब भी है
अपनी झूठी हंसी को दिखाने में
वो नहीं चाहता होगा
कोई उसे भी
उसकी हंसी की तरह
झूठी दिलासा दे
वो ये भी जानता है कि कोई उसके
गमों में सरीक नहीं हो सकता
गमों को बांट नहीं सकता
फिर वो किसी से क्याह उम्मीद रखें
गम को बांटने में
आज हर वस्तु का बटवारा
घर जमीन धन दौलत
आज का नारा
ये तेरा और ये मेरा
सिर्फ वस्तु का बटवारा
गमों का कोई साथी नहीं
बनना चाहेगा
गमों को सिर्फ और सिर्फ झुठी मुस्कान के साथ
जीया जा सकता है
क्योंकि लोग आज अपने दुखों से दुखी नहीं
लोगों के सुख से दुखी है
इसी कारण वो
अपने चेहरे पर
कभी गम की परछाई भी
नहीं दिखाता
करता रहता है
बस मौत का इंतजार
क्या जहन में आता है तुम्हारे
लगता है खुश है वो
शायद अपने गमों को
छुपाने की भरसक कोशिश करने का
प्रयास किये जा रहा है
कोई उसके गमों को जान भी न पाए
इस सोच में
अपने चेहरे पर खुशी की झूठी मुस्कान बिखेरने की
हर संभव कोशिश
करना चाहता है
शायद वो कामयाब भी है
अपनी झूठी हंसी को दिखाने में
वो नहीं चाहता होगा
कोई उसे भी
उसकी हंसी की तरह
झूठी दिलासा दे
वो ये भी जानता है कि कोई उसके
गमों में सरीक नहीं हो सकता
गमों को बांट नहीं सकता
फिर वो किसी से क्याह उम्मीद रखें
गम को बांटने में
आज हर वस्तु का बटवारा
घर जमीन धन दौलत
आज का नारा
ये तेरा और ये मेरा
सिर्फ वस्तु का बटवारा
गमों का कोई साथी नहीं
बनना चाहेगा
गमों को सिर्फ और सिर्फ झुठी मुस्कान के साथ
जीया जा सकता है
क्योंकि लोग आज अपने दुखों से दुखी नहीं
लोगों के सुख से दुखी है
इसी कारण वो
अपने चेहरे पर
कभी गम की परछाई भी
नहीं दिखाता
करता रहता है
बस मौत का इंतजार
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