सरोकार की मीडिया

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Thursday, April 12, 2018

उक्‍त बलात्‍कारी के साथ भगवान को भी सजा हो......


उक्‍त बलात्‍कारी के साथ भगवान को भी सजा हो......

आस्‍था रखने वालों, पोंगा पंडितों, साधु-संतों अब बताओं कहां गया तुम्‍हारा भगवान...कोई दलील कोई बचाव है तुम्‍हारे पास...अपने भगवान के लिए.... हो तो अपना-अपना मुंह खोलो...और बको.... और बताओं ऐसा आखिर क्‍यों हुआ.... जिसकी आंखों के सामने एक मासूम बच्‍ची के साथ बलात्‍कार कर उसे जान से मार दिया गया और वह तमाशबीन बन कर तमाशा देखता रहा.... क्‍या उसकी भी यही मंशा थी उक्‍त बच्‍ची के साथ बलात्‍कार करने देने की.... यदि ऐसा ना होता तो वह प्रकट होता और उस दुष्‍ट बलात्‍कारी को बलात्‍कार से रोकता... और उसे उसका दंड भी देता... परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ...न तो मुर्ति के अंदर से कोई हलचल हुई न ही वह मुर्ति के अंदर से बाहर निकल कर आया... बस वह बुत बना तमाशा देखता रहा... कि होने दो कौन सा मेरे धर्म, मुझ में आस्‍था रखने वालों की बच्‍ची थी.. वह तो दूसरे समुदाय, दूसरे धर्म की बच्‍ची थी.. तब मुझे क्‍या फर्क पड़ना चाहिए... शायद भगवान भी उस समय ऐसा ही सोच रहा होगा... नहीं तो वह मासूम बच्‍ची के साथ ऐसा कभी नहीं होने देता.... खैर यह कोई पहला मामला तो है नहीं, मंदिरों में बलात्‍कार का.... पहले भी बाबाओं को चोला औंढे ढोंगी बाबा मामूस बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाते रहे हैं और बनाते रहेंगे... क्‍योंकि उनको चूतिया जनता भगवान का ही दर्जा देकर पूजती आ रही है.... जिससे इन बाबाओं का मनोबल और बढ़ जाता है इस तरह के कुकृत्‍य करने के लिए..... रही बात मंदिर में बलात्‍कार की, तो इससे अच्‍छा ठिकाना और क्‍या हो सकता है..... क्‍योंकि उक्‍त दोषी अच्‍छी तरह जानते हैं कि वहां पर विराजमान भगवान तो कुछ बोलेगा नहीं... कुछ भी करते रहो उनके सामने.... क्‍योंकि वह तब भी कुछ नहीं कर पाते जब चोर उनके जेवर ही चुरा लेते है, जेवर क्‍या, चोर उनको ही चुराकर बाजारों में बेच देते है वह तब भी कुछ कर पाने में असमर्थ दिखाई देते है... क्‍योंकि जो भगवान स्‍वयं की रक्षा नहीं कर सकता... वह आम जनता की रक्षा कैसे कर सकता है... इसके बाद भी भीड़ की जमात में शामिल होकर लगे रहते हैं जयकारा करने.......जय हो... जय हो.... अब करो जय हो... उक्‍त भगवान की जय हो... जिसकी आंखों के सामने बलात्‍कार हुआ... उसकी जय करो.....मेरे हिसाब से बलात्‍कार करने वाला कम दोषी है उसे बलात्‍कार करने देने वाला ज्‍यादा दोषी है... इसलिए यदि उक्‍त बलात्‍कारी को सजा मिलती है तो भगवान को भी बराबर सजा मिलनी ही चाहिए........ .

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