हमाम में सब नंगे हैं......
आज अधिकांशत: सभी चैनलों के प्राइम टाइम स्लॉट
पर एक ही खबर प्रसारित की जा रही थी वो जुड़ी थी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू
प्रसाद यादव से.... सभी चैनलों ने एक स्टोरी के रूप में पूरे एक घंटे तक लालू के
पूर्व से लेकर वर्तमान तक का चिट्ठा बयां किया... कैसे लालू एक सर्विस क्वाटर से
लेकर बिहार की सत्ता पर काबिज हुए.... कौडियों से करोड़ों तक....उनके व उनके
परिवार में किस के नाम कितनी बेनामी संपत्ति है…… लालू एक
अनसुलझी कहानी.... चलिए मान लेते हैं कि लालू के सत्ता का दुरूपयोग करते हुए
करोड़ों रूपयों की बेमानी संपत्ति बना ली...... सीबीआई और कानून व्यवस्था इतने
समय से कहां सो रही थी........यह सब तो पहले ही हो जाना चाहिए.... पर नहीं हुआ...
ऐसे कौन से कारण रहे है कि लालू के ठिकानों पर पहले सीबीआई छापे नहीं पड़े और अब
लगातार छापे पर छापे डाल रही है.... लालू से लेकर उनके परिवार के सदस्यों और यहां
तक उनके करीबियों तक को नहीं बक्सा जा रहा है... सोती हुई सीबीआई आखिर जाग कैसे
गई.... क्या सीबीआई भी किसी तोते की तरह काम करती है.... जो केंद्र सरकार के
पिजड़े में कैद रहती है और जैसा केंद्र सरकार पढ़ाती है ठीक वैसा ही पढ़ता है.....
पर एक बात तो समझ से परे जा रही है कि सभी चैनलों
ने एक साथ एक ही दिन एक ही समय पर लालू प्रसाद यादव को मुद्दा बनाकर प्राइम टाइम
पर स्टोरी प्रसारित की.... मुझे तो यह मीडिया किसी के द्वारा डाली गई हड्डी पर
अपनी दुम हिलाता हुआ दिखाई दे रहा है...... यदि ऐसा नहीं है तो बहुत सारे मंत्री, विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री भी है... जिन पर
भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, घोटालें होते रहे हैं....
चल-अचल संपत्ति दिन दूनी रात चौगनी होती भी रही है... मध्य प्रदेश में वर्तमान
मुख्यमंत्री को ही ले लीजिए....व्यापम घोटलें में नाम आया,
और फिर एक क्लीन चिट के बाद मामला रफा-दफा। उनकी पत्नी और परिवार के नाम कितनी
संपत्ति है कभी किसी मीडिया ने इस बात को उठाया... सीबीआई ने छापे मारे, नहीं ना........दूसरी तरफ गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री जिनके कार्यकाल
में गोदरा कांड हुआ... और फिर जांच बैठी और क्लीन चिट मिल गई.....उत्तर प्रदेश
की पूर्व मुख्यमंत्री जिनके जिन्होंने लाल पत्थर से हाथियों को स्थापित कर
दिया, नोट बंदी के बाद उनके पास 100 करोड़ रूपये की संपत्ति
मिली... यह संपत्ति तो उनकी पार्टी की थी उनके पास और उनके भाई के पास इस तरह की
बेनामी संपत्ति जिसका कोई जोड़ भाग नहीं है.... और तो और ऐसे बहुत सारे मुख्यमंत्री
रहे हैं या वर्तमान समय में किसी राज्य के मुख्यमंत्री हैं उनकी व उनके परिवार
और करीबियों की संपत्ति का खुलासा क्यों नहीं हो रहा......सीबीआई उनके घरों पर
छापे क्यों नहीं मार रही... पर सीबीआई कंबल ओंढ कर सोती दिख रही है.. कुछ एक
अपवाद स्वरूप मामलों को छोड़ दिया जाए... बाकि सभी में सीबीआई हमेशा से प्रश्नचिह्न
के दायरे में दिखाई प्रतीत हुई है और हो भी रही है..... और मीडिया का क्या
कहना....
वहीं जब से केंद्र में बीजेपी काबिज हुई है सिर्फ और सिर्फ मोदी भक्त की भांति चरण वंदना करती दिख रही है..... और अब तो उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी राज्य है तो योगी की वंदना शुरू हो चुकी है.... महिमा मंडन शुरू हो चुका है..... जब से केंद्र में बीजेपी आई है तब से अब तक क्या मीडिया ने इस बात को दिखाया कि कैसे एक चाय बेचने वाला गुजरात की सत्ता तक पहुंचा.... सत्ता में आने से पहले उनके और उनके परिजनों के पास कितनी संपत्ति थी और अब कितनी हो गई है....कोई सीबीआई छापे नहीं... ना उनके उपर ना उनके परिजनों के उपर.... क्या कभी मीडिया ने इस बात को दिखाया कि हमारे देश के प्रधानमंत्री देश में कम विदेशी दौरों पर अधिक रहते है... उनके विदेशी दौरों में अब तक कितना खर्च हो चुका है…. इस बात को तो नहीं दिखाया... यदि इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की बात करें तो पहले भी यहां बलात्कार होते थे, हत्यायें होती थी, लूट खसोट की जाती थी, दबंगों द्वारों गरीबों को शोषण किया जाता था.... इस सरकार में इन सबका ग्राफ कम होने की वजह बढ़ा है.... और मीडिया सोती रही......दिखाना चाहिए था..... यह भी दिखाते कि 15 जून तक सभी गड्ढें भर दिए जाएंगे.... मरहम पट्टी देखी गई... गड्ढें जस के तस बने हुए हैं… हां इंद्र देव की कृपा से पानी से भर जरूर गए.....यह सब दिखा देते.....नहीं महिमा मंडन से फुर्सत मिले तो दिखाते.....
बस उसे तो सिर्फ लालू को दिखाना है कि वह कैसे एक
सर्विस क्वाटर से लेकर बिहार की सत्ता पर काबिज हुआ और करोड़ों की बेनामी
संपत्ति बना ली....जब संपत्ति बन रही थी तब क्या सो रहे थे.... या तब कोई चढ़ावा
मिल रहा था जिस कारण मीडिया की बोलती बंद थी.. और अब वो चढ़ावा मिलना बंद हो गया
है... लगता तो कुछ ऐसा ही है... नहीं तो देश में और भी बहुत से पूर्व मुख्यमंत्री
है उनके बार में भी कुछ कुछ दिखा देते... अच्छा लगता... ऐसा नहीं लगता कि मीडिया
बाजारू के साथ-साथ बिक चुका है.... वैसे इसके साथ साथ कश्मीर के मुद्दे पर भी
बात करें तो देश की आबाम देख रही है कि वहां के हालात बद से बदतर होते जा रहे
हैं.... प्रतिदिन दो-चार सैनिक शहीद हो रहे हैं....घायल हो रहे हैं.... और
प्रधानमंत्री को विदेश घूमने की पड़ी है.... गृह मंत्री, रक्षा मंत्री कड़ी निंदा करते दिखाई देते हैं... प्रधानमंत्री ट्वीट करके
निंदा करते है.....कड़ी निंदा ना हो गई कोई बहुत बड़ी कार्यवाही कर दी......वहीं
सैनिक कश्मीर के पत्थरबाजों में से एक को जीप से क्या बांध देते है उन पर
हजारों सवालात नेता और मीडिया उठाने लगती है.... वह यह नहीं दिखाती की कश्मीर की
गठबंधन वाली सरकार किस तरह नाकामयाब साबित हो रही है....
प्रधानमंत्री जी और मीडिया जरा इस पर भी गौर
फरमाएं... कश्मीर के मुद्दे को हलके में ना ले कि जैसा चल रहा है चलने देते हैं...
आप से देश की जनता कड़ी निंदा नहीं एक सही और सटीक इलाज की मांग कर रही है... ताकि
दुबारा कोई सांप अपना फन ना उठा सके.... पर ना तो आपकी सरकार और ना ही मीडिया के
कानों पर जूं रेंग रही है.. बस विदेश घूम लिया जाए क्या पता कल मौका लगे या ना
लगे... वहीं मीडिया सिर्फ खबर दिखाती है आज फिर हमला,… 3 सैनिक शहीद, 4 शहीद, 5
शहीद.....यह क्यों नहीं दिखाती कि सरकारें नाकामयाब हो रही है कश्मीर में हमले
को रोकने में.... खैर लालू यादव का जो भी हो वह सब बीजेपी द्वारा करवाया जा रहा है
यह बात सब लोग समझ रहे है और मीडिया भी उसका साथ दे रही है....कभी बीजेपी भी अपने दामन
में झांक कर देख लेती कि उसका दामन कितना पाक साफ है.... बस इतना कहना चाहूंगा कि हमाम
में सब नंगे हैं......
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