Friday, May 7, 2010
बंद आंखों के झरोखे ने उसे देखा है.
हर कोई साथ नहीं
फिर भी कोई है ऐसे
सांस में जिसे हवा है
दिल में धड्कन है जैसे
हम अकेले है ये लोगों से
सुना है हमने
साथ है जो उसे देखा नहीं
खुद भी हमने
जाने क्योंै लोग बिछडने
का गिला करते है
हमसे वो ऐसे मिला की
कभी बिछडा ही नहीं
फूले थे हम तो रहा साथ
वह खूश्बूत की तरह
हम हुए झील तो वह
आ बसे पानी की तरह
आंखे कहती है की
हमने देखा ही कहां
दिल यह कहता है की
वह हमसे जुदा है ही कहां
कौन कहता है कि हमने
ना सुनी उसकी जुबां
धडकनें कहत है हम है
तो है उसकी जुबां
जो नहीं आता नजर
ना ही कभी मिलता है
बंद आंखों के झरोखे ने
उसे देखा है.
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