सरोकार की मीडिया

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Sunday, May 15, 2016

नेट के ठूल्‍लू ने बनाया पीएच.डी वालों को उल्‍लू

नेट के ठूल्‍लू ने बनाया पीएच.डी वालों को उल्‍लू

यूजीसी पीएच.डी वालों को चूतिया समझ रही है वो खुद अपने नियमों पर अटल नहीं हो पा रही है यह शायद हमारी मंत्री (पूर्व टीवी नायिका) के सिर पर मलिंगा की गेंद की तरह बाउंसर हो रही है। जैसा कि विदित है कि पूर्व में यूजीसी ने 2009 अधिनियम के तहत पीएच.डी करने वालों को नेट की परीक्षा से छूट प्रदान की थी। यानि यह कहा जाए कि 2009 अधिनियम के मानकों के अनुरूप जिन शोधार्थियों ने पीएच.डी की उपाधि प्राप्‍त की है उन शोधार्थियों को केंद्रीय व राज्‍य के विश्‍वविद्यालयों में सहायक अध्‍यापक के रूप में आवेदन करने की पात्रता प्राप्‍त है। पर यह सिर्फ यूजीसी की नियमावली में ही शोभा देते हुए सुशोभित हो रहे हैं क्‍योंकि केंद्रीय व राज्‍यों के विश्‍‍वविद्यालय इस नियम के तहत तो विज्ञाप्ति प्रकाशित करते हैं परंतु वो सिर्फ चयन उन लोगों का करते हैं जिन शोधार्थियों ने नेट की परीक्षा उर्त्‍तीण की हो। वहीं यूजीसी ने एक और नया नियम हाल ही में लागू कर दिया है कि जिन छात्रों ने पीएच.डी की उपाधि 2009 के पहले हासिल की है उन छात्रों को नेट की परीक्षा से छूट प्रदान की जा रही है और वो छात्र  केंद्रीय व राज्‍य के विश्‍वविद्यालयों में सहायक अध्‍यापक के रूप में आवेदन कर सकते हैं। अब देखा जाए तो बचा कौन........??????   2009 से पहले वालों को और 2009 के बाद वालों को, दोनों को नेट की परीक्षा से जब छूट प्रदान कर दी गई है तो नेट का ठूल्‍लू दिखाकर क्‍यों पीएच.डी वालों को उल्‍लू बनाया जा रहा है। क्‍योंकि नेट की परीक्षा पास करने से किसी को नौकरी नही मिल जाती.....यह सिर्फ एक पात्रता परीक्षा मात्र है।

हालांकि मेरे दिमाग में एक बात बार-बार गुंजती रहती है कि कौन सी डिग्री उच्‍चत्‍म की श्रेणी के पहले पायदान पर आती है.... 1. एमफिल जो एक या डेढ़ साल में होती है। 2. पीएच.डी जो 2 से 5 साल में हो जाती है वहीं 3. नेट एक दिन में लिए गए तीन पेपर पास करना। आज तक समझ नहीं पाया।  वैसे चाहे छात्र नेट पास कर ले...पीएच.डी, एमफिल कर ले, नौकरी तो मिलने से रही......नौकरी चाहिए तो आपके पास इनमें से एक डिग्री के बाद भी तीन चीजें होनी अनिवार्य हैं. 1. आपके गाइड का हाथ आपके सिर पर बना हुआ हो........2. आपके पास खुद का इतना सोर्स हो कि किसी से कह सके या कहलवा सके और 3. वो तो सभी जानते हैं बिन माया के आज इस देश में पत्‍ता भी नहीं हिलता, नौकरी की तो बात छोड़ दीजिए.... वैसे यदि आपके पास इन तीन चीजों में से कोई भी दो चीजें हैं तो आप नौकरी के हकदार हो सकते हैं.....बाकि डिग्रियां तो रद्दी के भाव में बाजार लगाए शिक्षण संस्‍थान बांट रही है.....बस भाव लगाने की देर है और डिग्री आपके हाथ में।

Thursday, May 12, 2016

अंतर्राज्जीय ATM चोर गिरोह के चार लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार


अंतर्राज्जीय ATM चोर गिरोह के चार लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
ललितपुर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी


ललितपुर। जनपद ललितपुर व अन्य जिलों एवं राज्यों में लगातार ATM चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही थी। जिस पर अंकुश नहीं लग पा रहा था क्योंकि ATM चोर इतने शातिर थे कि वह ATM के बाहर खड़े होकर गांव का या कम पढ़े लिखे आदमियों को अपना शिकार बनाते थे। यह उनकी मदद करने के बहाने से उक्त व्यक्ति का ATM बदल देते थे और फिर वहां से कहीं दूर जाकर ATM से उक्त व्यक्ति के खाते से सारा पैसा निकाल लेते थे। इस तरह की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए बहुत समय से अन्य जिलों व राज्यों की पुलिस प्रयास कर रही थी। आखिरकार चोर की चांदनी तो चार दिन की होती है। उक्त ATM चोरों की तलाश में लगी जिला ललितपुर की पुलिस टीम को आज एक बहुत बड़ी कामयाबी मिली है। जब दीपक साहू पुत्र लक्ष्मन प्रसाद साहू निवासी तालाबपुरा ने SSI निगवेन्द्र प्रताप सिंह को सूचना दी कि तुंवन चैराहे पर स्थित पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम से पैसे निकालते समय जिस व्यक्ति ने धोखा देकर एटीएम चुरा लिया था उसका एक साथी सफेद रंग की कार सहित पुलिस लाइन गेट पर लगे एसबीआई एटीएम के पास टहल रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार SSI निगवेन्द्र प्रताप सिंह मय हमराही पुलिस बल के पुलिस लाइन स्थित एटीएम के पास पहुंच। तभी पुलिस को देखकर उक्त चारों लोग अपनी अल्टो के10 में भागने की फिराक करने लगे, जिन्हें घेरकर पुलिसकर्मियों ने चारों लोगों को पकड़ लिया। चारों की जामा तलाशी के दौरान बाहर खड़े व्यक्ति ने अपना नाम राजेश पुत्र बलूराम निवासी सामधा रोड़ हांसी तहसील हांसी जिला हिसार हरियाणा उम्र करीब 36 वर्ष बताया। जिसके कब्जे से विभिन्न बैंकों के 16 एटीएम कार्ड व 8000 रुपए नकद और अखबारी कागज में लिपटा सफेद पाउडर बारामद किया। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम सुमेर पुत्र माया शांसी उम्र करीब 30 वर्ष नि. इंदिरा गढ लाखन माजरा जिला रोहतक हरियाणा बताया इसके पास से 8 एटीएम व 9400 रुपए की नकद राशि के साथ सफेद पाउडर एवं डाइजाबाम टेबलेट का पत्ता मिला। तीसरे ने अपना नाम जोगिन्दर पुत्र पुरन सिंह शांसी उम्र करीब 20 साल नि. पुठी समैन थाना बांस जिला हिसार हरियाणा  जिससके पास से 7 एटीएम व 1950 रुपए मिले। वहीं चौथे ने अपना नाम जोगिन्दर पुत्र चंदर सिंह नि. पुठी समैन बांस जिला हिसार हरियाणा बताया इसके पास से 6 एटीएम 1010 रुपए नकद साथ में सफेद रंग का पाउडर और नशीली गोलियों के पत्ते बरामद किए।
पुलिस अधीक्षक महोदय ने संबंधित मामले का खुलासा करते हुए बताया है उक्त चारों अपराधियों के पास से विभिन्न बैंकों के 37 एटीएम कार्ड, 13800 रुपए नकद, दो मोबाइल,  एक अल्टो के10 के तथा नशीला पाउडर बरामद किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह लोग एटीएम के बाहर खड़े होकर नए व्यक्तियों को अपना शिकार बनाते हैं जो एटीएम के बारे में ज्यादा नहीं जानते, उनकी मदद करने के बहाने से यह उनका एटीएम बदल देते हैं और कहीं दूर दूसरे जिले या राज्‍य में जाकर उस एटीएम से सारी रकम निकल लेते हैं। इसके साथ-साथ यह लोग ट्रेनों और बसों में यात्रियों को अपने विश्वास में लेकर खाने-पीने की वस्तुओं में नशीला पाउडर व गोलियां मिलाकर खिला देते हैं जिससे व्यक्ति बेहोश हो जाता है और यह उनका सामान लेकर चंपत हो जाते हैं। पुलिस अधीक्षक महोदय ने बताया कि यह लोग इस तरह की घटनाओं को दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के कई जिलों में अंजाम दे चुके हैं। पुलिस ने अभियुक्तगणों से बरामद मादक पदार्थ में धारा 21/22 NDPS Act तथा एटीएम के आधार पर 512/16830/16 धारा 420 IPC के साथ 379/411 के साथ मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही  उक्‍त लोगों के पास से पकड़ी गई अल्टो के10 के कागजात नहीं होने और उस पर UP94 K 2459 अंकित होने तथा इंजन चैसिस नंबर गायब होने पर 207 में सीज कर दिया गया। 
उक्त चोरों अपराधियों को पकड़ने में SSI निगवेन्द्र प्रताप सिंह कोतवाली ललितपुर, SI देवी सिंह प्रभारी स्वाट टीम, SI शिवपाल सिंह, SI/UT अमित गुप्ता,  HCP हरी प्रकाश बुधौलिया स्वाट टीम, का.श्याम सुंदर यादव, का.रविन्द्र कटियार, का.संजय सिंह भदोरिया, का.सुमित कुमार, का.देवराज, का.मु. शफीक, का.मनोज कुमार, एव का.कप्तान सिंह सर्विलांस ने अपनी अहम भूमिका निभाते हुए चारों अपराधियों को पकड़ने में सहयोग किया।

वहीं पुलिस अधीक्षक मु. इमरान ने जिलेवासियों ने कहा है कि जब भी किसी के सहयोग से एटीएम द्वारा रुपए निकालते हैं या निकलवाते हैं तो उसके बाद अपना एटीएम की एक बार जरूर जांच कर लें, कहीं कोई आपकी मदद के बहाने आपको धोखा देकर आपका एटीएम कार्ड तो नहीं बदल रहा। इसीलिए सजग रहे सावधान रहें।

Monday, May 2, 2016

पति ने बनाई पत्नी की नीली फिल्म




पति ने बनाई पत्नी की नीली फिल्म

ललितपुर। सात फेरे सात वचनों के साथ जुड़ने वाला पति पत्नी का रिश्ता पवित्र रिश्ता होता है। जिसमें पति अपनी पत्नी की रक्षा करने के लिए वचन उठाता है, पर जब पति ही रिश्तों को तार-तार करने लगे तो समाज में पत्नी कहां सुरक्षित महसूस करेगी। ऐसा ही वाकिया जिला ललितपुर में घटित हुआ। पूरे मामले पर प्रकाश डाला जाए तो आरती वर्मा (काल्पनिक नाम) निवासी लैडिया पुरा, हाल निवासी वर्णी जैन इंटर कॉलेज के पीछे, आजादपुरा, ललितपुर का विवाह कुछ वर्षों पूर्व लखनऊ निवासी प्रवीण के साथ हुआ था। पिता ने अच्छा घर और लड़के को परखने के उपरांत आरती का विवाह किया था, पर किस के मन में क्या है? कौन जान सकता है? शादी के बाद आरती अपने ससुराल लखनऊ चली गई। विवाह के कुछ वर्षों के अंतराल में आरती को दो कन्याएं पैदा हुई। चूंकि लड़का अपनी कारगुजारी और बुरे कर्मों की वजह से कहीं कुछ नहीं करता था। इसी बीच आरती का चयन जिला ललितपुर में अनुदेशक (संविदा पर) के पद पर हुआ तो वह लखनऊ से ललितपुर आ गई। ताकि वह अपनी बच्चियों की परिवश सही तरीके से कर सके। इसी वजह से उसने आजादपुरा ललितपुर में ही एक मकान किराए पर लेकर रहने लगी। वहीं प्रवीण का देखा जाए तो वह कुछ दिन ललितपुर में तो कुछ दिन लखनऊ आता-जाता रहता है।
गौरतलब है कि प्रवीण के गलत संगत और कुछ न करने की वजह से बार-बार आरती से अपने खर्चों के लिए रुपया मांगने का सिलसिला बरकरार रहा। इसी बीच प्रवीण के शैतानी दिमाग की उपज ने आरती की नीली फिल्म बना ली। जब आरती को पता चला तो उसने इस बात का विरोध किया। विरोध का नतीजा कुछ यूं हुआ कि वह आरती के साथ मारपीट करने लगा, और अपनी पत्नी की नीली फिल्में बनाकर मार्केट में बचने लगा। हालांकि ज्ञात सूत्रों के मुताबिक पता चला कि प्रवीण शायद अपनी पत्नी से धंधा भी करवाता है। क्योंकि रात में अक्सर लोगों का आना-जाना लगा रहता है।
अगर देखा जाए तो प्रवीण द्वारा आरती की बनाई गई नीली फिल्में जिला ललितपुर में कई लोगों के पास मौजूद हैं। अब आरती की यह फिल्में प्रवीण ने किस-किस को बेची यह प्रवीण ही बता सकता है। हालांकि जब हमारे संवाददाता ने इस संदर्भ में प्रवीण से फोन पर बात करने की कोशिश की तो उसने संवाददाता से बदसलूकी करते हुए कहां कि आप हमें परेशान कर रहे हैं। यह हमारा आपसी मामला है, तुम कौन होते हो हमारे बीच में आने वाले, मैं जो चाहे अपनी पत्नी से करवाऊ। और फिर फोन अपनी पत्नी आरती को पकड़ा दिया। चूंकि मामला नीली फिल्म और लड़की से संबंधित था तो हमारे संवाददाता ने इस वाबत् कोई ज्यादा पहल नहीं की। क्योंकि हो सकता था कि पति के दबाव में चलते वह संवाददाता पर ही आरोप लगा देती ही यह हमारे साथ बदसलूकी कर रहा था, क्योंकि ऐसे कई झूठे मामले आज भी न्यायालय में लंबित चल रहे है। वैसे हुआ भी कुछ यूंही......... प्रवीण ने 1090 महिला हेल्प लाइन पर शिकायत दर्ज करवा दी कि उक्त व्यक्ति मेरी पत्नी को परेशान परेशान कर रहा है। जिस संदर्भ में हमारे संवाददाता ने पुलिस अधीक्षक महोदय को संबंधित मामले से अवगत कराया। पुलिस अधीक्षक महोदय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला थानाध्यक्ष को उक्त मामले की जांच कर जल्द ही कार्यवाही करने के आदेश दे दिए है।
डॉ. गजेन्द्र प्रताप सिंह
प्रधान संपादक-दैनिक सरोकार की मीडिया, ललितपुर
ब्यूरो चीफ- टाइम न्यूज, ललितपुर