मैं इतना टूटा हुआ हूं कि छूने से ही बिखर जाऊंगा
ईश्वर ने मुझें मिट्टी का पुतला बनाया है
जो चल सकता है,
दौड़ सकता हैं,
वह खाता है,
पीता हैं
उसके अन्दर दिल भी बनाया है
जो हर सेकेण्ड में धड़कता रहता है
यदि दिल की धड़कन रूक गई तो वह मनुश्य उसी ईश्वर में समा जाता हैं
और, ईश्वर फिर उसे किसी न किसी रूप में धरती पर भेज देता हैं।
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